Monday, February 2, 2009

माँ तू याद आती है

A poem dedicated to mother.

माँ तू याद आती है

कोई हो खुशी
या कोई हो ग़म|
याद आये तू
मुझ को हरदम||

माँ तू याद आती है
बहुत याद आती है|

जो दर्द दिल में है
आँशु बन के आती है
मुझको रुलाती है
तुझको बुलाती है|

माँ तू याद आती है
बहुत याद आती है|

यूँ दूर तू तो है
फिर भी देखूं मैं तुम्हे|
मेरे सामने खड़ी
तू मुस्कुराती है||

माँ तू याद आती है
बहुत याद आती है|

महसूस मैं करूँ
तू ममता लुटाती है|
रस्ता दिखाती है
लोरी सुनाती है||

माँ तू याद आती है
बहुत याद आती है|

जब होता मैं परेशां
सीने से लगाती है|
बालों में तू मेरे
उँगलियाँ फिराती है||

इतनी दूर हो गयी
क्यों दूर हो गयी?
कि आवाज भी मेरी
तू सुन न पाती है||

माँ तू याद आती है
बहुत याद आती है|

किस से शिकायत करू
क्यों छीना तुम्हे?
देव आँखे चुराते हैं
परियां मुंह छुपाती हैं||

माँ तू याद आती है
बहुत याद आती है|

माँ तू याद आती है
बहुत याद आती है||

- अमिताभ रंजन झा

माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना

आंतकवादी की माँ

हाड़ मांस का पुतला

- अमिताभ रंजन झा