Sunday, March 29, 2009

A poem for dream politician

नेता

आपका नेता वो हो
जो पढ़ा लिखा हो
आपका सच्चा सखा हो|

जिसमें प्रदेश के विकास की ललक हो
जिसके सपनों में आपके सपनों की झलक हो|

जिसके रग रग में आत्मविश्वास हों
जिसमें बसा आपका विश्वास हो|

जिसके सीने में इन्साफ हो
और जिसकी छवि साफ़ हों|

जिसका गगन-चुम्बी स्वाभिमान हो
जिसके पास समस्यों का समाधान हों|

जिसकी भुजाये विशाल हो
जिसके खून में उबाल हो|

धर्मं एवं जाति की राजनीती जिसकी रूचि न हो
विकास के मार्ग पर जिससे त्रुटि न हो|

जो आपके कंधे से कन्धा मिला के चले
जो आपके संग फुले फले|

न की वो जो सिर्फ अपना कल्याण करे
और सिर्फ परिजनों का उत्थान करे|

आपका नेता वो हो
जो पढ़ा लिखा हो
आपका सच्चा सखा हो|

- अमिताभ रंजन झा