Friday, December 31, 2010

नववर्ष का स्वागत

बीता ये साल,
छोड़े सब मलाल,
नववर्ष के स्वागत
में आ झूमे गायें|

नंगे है तन,
भूखे है जन,
पर उम्मीद का दिया
कभी बुझने न पाए|

लाखो हो मुश्किलें,
मिल के हम चले,
सपनो का वतन
मेहनत से बनाये|

आ ले ये कसम,
जब तक दम में दम,
भारत का तिरंगा
झुकने न पाए|

हौसला रहे अटल,
हर प्रयास हो सफल,
नव वर्ष में सबको
हार्दिक शुभकामनाएं|

- अमिताभ रंजन झा

Sunday, December 19, 2010

God bless Germany!

In the freezing cold,
inside the blanket of snow,
in the arms of nature
moves on Germany!

Sun rises late,
night comes early,
against all odds
never stops Germany!

In the season of summer,
morning arrives too early,
and moon rises too late
but never complains Germany!

The destruction in the world war
could not break courage.
Through hard work and integrity
raised again Germany!

Agony or joy in life
or comfort or challenges,
we must move on
teaches us Germany!

From a factory in America
to a small village in India,
in every corner of the world
you will find technology Germany!

Things happen on the press of button,
Life made easy by science and wisdom,
Abundant development and happiness,
God bless Germany!

People are honest and truthful,
there is no place for crime,
hard work is the identity,
Salute you Germany!

- Amitabh Jha

सौ सौ नमन जर्मनी

हिमपात एवं भीषण शर्दी यूरोप के जीवन को कितना कठिन बना देती है, अंदाज नहीं था। छह महीने ठण्ड, बर्फ और अन्धकार में डूबे रहने के बाबजूद यहाँ के लोगो ने इतनी तरक्की की है। इनसे सीख मिलती है कि कठिनाइयों का समाधान करो और आगे बढ़ो। एक कविता इनको समर्पित।

करकराती सर्द में,
बर्फीली चादर तले,
प्रकृति की आगोश में,
चलती रहे जर्मनी!

सूरज देर से जगे,
रात जल्द आये तो क्या?
किसी भी हाल में कभी
रूकती नहीं जर्मनी!

गर्मी के मौसम में
जल्द आ टपके सवेरा,
चाँद लेट लतीफ़ तो क्या?
शिकायत करती नहीं जर्मनी!

युद्ध ने था लुटा कभी,
पर हौसला न टूटा कभी!
कड़ी मेहनत और लगन से
फिर से उठी जर्मनी!

जीवन में ग़म हो या ख़ुशी,
आसान हो या मुश्किले,
बढ़ते रहे हम सदा
सिखाती हमे जर्मनी!

अमेरिका के उद्योग में,
भारत के छोटे गाँव में,
दुनिया के कोने कोने में,
दिखती है तकनीक जर्मनी!

बटन दबाके हो हर काम,
ज्ञान-विज्ञान से जीवन आसान,
छाई विकास,ऐश्वर्य और ख़ुशी,
यूँही सदा रहे जर्मनी!

लोग सीधे और सच्चे,
अपराध का निशां नहीं,
मेहनत यहाँ पहचान है
सौ सौ नमन जर्मनी!

- अमिताभ रंजन झा