A poem composed after watching
NDTV Humlog on 05-Jun-2011
ढीठ कांग्रेस ने माना देश में
भ्रष्टाचार बेशक फ़ैल रही
किन्तु इस बुराई में
जनता भी कम दोषी नहीं
किन्तु हर चुनाव में जनता
कोई भी सरकार चुनती रही
भ्रष्टाचार और महंगाई
हमेशा जाल बुनती रही
एक जनम पत्र लेने को भी
जेबे ढीली होती रही
खेल तोप 2जी जमीन या निर्माण
आयकर की बंदरबांट होती रही
बीजेपी ने कांग्रेस से कहा
बोफोर्स में तुने मुंह काला किया
कांग्रेस ने पलटवार किया
तहलका में तुने मधुप्याला पिया
कांग्रेस ने कहा गुजरात में
हजारों मासूम क़त्ल हुए
तुरंत जवाब मिला दिल्ली में
पांच हजार सिक्ख मारे गए
उनके आरोप प्रत्यारोप में
पुराने जख्म फिर हरे हुए
उनके आँखों में शर्म न थी
हम हमारे हाल पे फिर रो दिए
-अमिताभ रंजन झा
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