भारतवर्ष में हर दिवस मात्रु-पितृ दिवस है क्योंकि उनसे अलग हम अपने जीवन की कल्पना नहीं करते. यहाँ विश्व मात्रु दिवस पर प्रस्तुत हैं माँ को समर्पित कुछ कवितायेँ. सबको हार्दिक शुभकामना!
माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना
माँ तू याद आती है
आंतकवादी की माँ
हाड़ मांस का पुतला
- अमिताभ रंजन झा
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