Saturday, June 16, 2012

आकाश

Dedicated to Aakash:

उक्खों उखों क क अहाँ ओकाशी करै छी
सुनू यौ बौवा बड आहा बदमाशी करै छी|
जाई होय या तै होम ओकाशी करै छी
हे यौ कक्का हम नै बदमाशी करै छी||

रोज नोब नोब आहा रूप धरै छी
कहियौ बनै छी डॉक्टर कहियौ बिगबी बनै छी|
डाक्टर, बिगबी बैन क हम खूब खेलै छी
खुश रहै छी हरदम आ मस्त रहै छी||

डाक्टर बैन क आहा जे ढोंग करै छी
सुईया भोइंक क आहा बड़ा तंग करै छी|
पैघ बैन क बनबाई डाक्टर तै ढोंग धरै छी
सुनू यौ कक्का हम नै आहा के तंग करै छी||

रोज घुमा जेबाक आहा जिद्द धरै छी
दुलारी बच्चा जेना प्रसिद्द भा रहल छी|
कियो ने घुमाबैया त हम जिद्द धरै छी
दुलारू छी सबके ताई प्रसिद्द भा रहल छी||

रोज खेलौना किनै लेल अहाँ नाटक करै छी
जे नै किन दी त काना लगाय छी|
खेलौना हमरा नीक लगैया ताई नाटक करै छी
आहा नै किन दय छी त काना लगे छी||

आहा के इ बचपन पर हम खूब हँसेय छी
आहा त हमर आइन्ख आ ह्रदय में बसई छी|
सब गप सोइच क आहा के याद करै छी
हे यौ बौवा आहा के हम धन्वाद करै छी||

आकाश छुबू आहा याह सपना राखै छी
नाम करू आहा साह भगवन सा माँगे छी|
हँसू, खेलु, कूदू, करू जे करै छी
पढू, लिखू, बढ़ू, आशीष द रहल छी||

- अमिताभ रंजन झा


No comments:

Post a Comment