एक सौ तेईस करोड़ जनसंख्या के साथ भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे आबादी वाला देश है। विश्व की आबादी का 17.5 % लोग भारत में रहते हैं। भारत के आधी आबादी की उम्र 25 वर्ष से कम है। 31.2 % आबादी की उम्र 14 साल या कम है। रंगराज पैनल रिपोर्ट 2012 के अनुसार 29.5% आबादी गरीबी रेखा से नीचे है। भारत का नॉमिनल जीडीपी 2.1 ट्रिलियन डॉलर के साथ विश्व में दसवें स्थान पर है।
बढ़ती जनसँख्या गहरी चिंता की विषय है। आबादी 1.4 % के दर से बढ़ रही है किन्तु संसाधन सिमित है। भारत में जनसँख्या वृद्धि के अनुरूप रोजगार नहीं बढ़ पाया है और एक करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हैं। और बेरोजगारी दर 8.5% है। आबादी की जरुरतो को पूरा करने के लिए भारत 616.7 बिलियन डॉलर आयात पर खर्च करता है। किन्तु निर्यात सिर्फ 442.4 बिलियन डॉलर का ही हो पाता है।
1990 में भारत और चीन की अर्थव्यस्था लगभग बराबर थी, चीन का सकल घरेलु उत्पाद 390 बिलियन डॉलर एवं भारत का 323.5 बिलियन डॉलर। 1990 में चीन की प्रति व्यक्ति जीडीपी $341 थी और भारत की $387।
आज 2014 में, चीन ने पिछले पीछे बीस वर्षों में अपने मानव संसाधन का उंपयुक्त तरीके से इस तरह उपयोग किया कि आज चीन का सकल घरेलु उत्पाद 9.9 ट्रिलियन डॉलर एवं प्रति व्यक्ति जीडीपी $7277 है। वही आज भारत का सकल घरेलु उत्पाद 2.1 ट्रिलियन डॉलर एवं प्रति व्यक्ति जीडीपी $1695 ही है।
यदि भारत भी चीन के भांति अपने मानव संसाधन का सही इस्तेमाल करे और प्रति व्यक्ति जीडीपी के विकास पर ध्यान दे तो कुछ वर्षों में ही भारत भी चीन की तरह विकास पा सकता है और विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन सकता है।
- अमिताभ रंजन झा
References:
http://en.wikipedia.org/wiki/Demographics_of_India
http://en.wikipedia.org/wiki/India
http://en.wikipedia.org/wiki/Economy_of_India
http://articles.economictimes.indiatimes.com/2014-02-07/news/47126380_1_2004-05-prices-lakh-crore-capita-income
http://www.tradingeconomics.com/india/gdp-per-capita
http://country-facts.findthebest.com/compare/12-122/China-vs-India
बढ़ती जनसँख्या गहरी चिंता की विषय है। आबादी 1.4 % के दर से बढ़ रही है किन्तु संसाधन सिमित है। भारत में जनसँख्या वृद्धि के अनुरूप रोजगार नहीं बढ़ पाया है और एक करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हैं। और बेरोजगारी दर 8.5% है। आबादी की जरुरतो को पूरा करने के लिए भारत 616.7 बिलियन डॉलर आयात पर खर्च करता है। किन्तु निर्यात सिर्फ 442.4 बिलियन डॉलर का ही हो पाता है।
1990 में भारत और चीन की अर्थव्यस्था लगभग बराबर थी, चीन का सकल घरेलु उत्पाद 390 बिलियन डॉलर एवं भारत का 323.5 बिलियन डॉलर। 1990 में चीन की प्रति व्यक्ति जीडीपी $341 थी और भारत की $387।
आज 2014 में, चीन ने पिछले पीछे बीस वर्षों में अपने मानव संसाधन का उंपयुक्त तरीके से इस तरह उपयोग किया कि आज चीन का सकल घरेलु उत्पाद 9.9 ट्रिलियन डॉलर एवं प्रति व्यक्ति जीडीपी $7277 है। वही आज भारत का सकल घरेलु उत्पाद 2.1 ट्रिलियन डॉलर एवं प्रति व्यक्ति जीडीपी $1695 ही है।
यदि भारत भी चीन के भांति अपने मानव संसाधन का सही इस्तेमाल करे और प्रति व्यक्ति जीडीपी के विकास पर ध्यान दे तो कुछ वर्षों में ही भारत भी चीन की तरह विकास पा सकता है और विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन सकता है।
- अमिताभ रंजन झा
References:
http://en.wikipedia.org/wiki/Demographics_of_India
http://en.wikipedia.org/wiki/India
http://en.wikipedia.org/wiki/Economy_of_India
http://articles.economictimes.indiatimes.com/2014-02-07/news/47126380_1_2004-05-prices-lakh-crore-capita-income
http://www.tradingeconomics.com/india/gdp-per-capita
http://country-facts.findthebest.com/compare/12-122/China-vs-India