Friday, October 3, 2014

माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना

माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना

नौ महीने उदर में समाये रक्खा,
लहू से सींचा नाभी से लगाये रक्खा,
अपनी धड़कन से दिल मेरा जगाये रक्खा,
मीठे सपनो में मुझको बसाये रक्खा।

इतना छोटा हूँ कि हथेली में समा जाता,
अंगूठा चूसू बस और कुछ भी नहीं आता,
छोड़ो हँसना अभी तो मैं रो भी नही पाता,
माँ आँखे खोलू तो जी मेरा घबराता।

अपनी आँचल में मुझको छुपाये रखना,
माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना।

तेरी गोदी में सीखूंगा मैं खिलखिला कर हँसना,
ऊँगली तेरी पकड़ कर एक दिन है चलना,
माँ मुझ पे कभी भी नाराज ना होना,
गिर भी जाऊ तो सिखाना संभलना।

अपनी आँचल में मुझको छुपाये रखना,
माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना।

नित्य-नयी कथाएँ तू सुनाती रहना,
वीरता-ज्ञान का अलख तू जलाती रहना,
सो भी जाऊ तो लोरी गुनगुनाती रहना,
डर न जाऊ कही सपने में भी आती रहना।

अपनी आँचल में मुझको छुपाये रखना,
माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना।

मेरे बालों में उंगलिया फिराती रहना,
मेरे चेहरे को हाथों से थपथपाती रहना,
मेरी आँखों पे चुम्बन लुटाती रहना,
अपने गालों से मेरे गालों को लगाती रहना।

अपनी आँचल में मुझको छुपाये रखना,
सर अपना मेरे माथे पे टिकाये रखना,
दुनिया की निगाहों से बचाए रखना,
माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना।

अपनी आँचल में मुझको छुपाये रखना,
माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना।

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