भारतवर्ष की संतान
भारतवर्ष की है संतान,
ये बात कभी तू भूले न|
ऐसे करना काम महान,
मन ख़ुशी से फूल समाये न||
एक मुख बस, आंख कान दो,
दस उंगलिया दिए विधाता ने|
बोल देख सुन थोड़ा, कर ज्यादा काम,
व्यर्थ समय कभी गंवाए न||
किसी हाल में कोई बुराई
तुझको कभी बहकाए न|
मुस्कान, स्वाभिमान तो रखना,
अभिमान कभी छू पाए न||
जीवनपथ में भेड़िये मिलेंगे,
सिर्फ मिलेंगे भेड़ ही न|
संयम से तू संग चले,
और कभी घबराये न||
अटल विश्वास से सब संभव,
असंभव तुझे झुकाए न|
साहस धीरज से रहना,
रोड़े कदम रोक पाए न||
तू जाये उस पथ भी,
जहा भय से कोई जाये न|
आगे बढ़ते जाना तू,
क्या हुआ संग कोई आये न||
जब तक न मंजिल हासिल हो,
न रुके तू और सोये न|
मुश्किल हो तो खूब लड़े,
न थके तू और रोये न||
एक मुकाम हो जब हासिल
आलस से सुस्ताये न|
कामयाबी पर जश्न हो बेशक
पर प्यास कभी बुझ पाए न||
सूरज, चाँद, सितारे भी
चमक तेरी घटाए न|
ब्रह्माण्ड सदा याद रखे,
इतिहास कभी भुलाये न||
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- अमिताभ रंजन झा
क्या लिखा है सर आप ने
ReplyDeleteमेरी सुभकामना आप के साथ है
इसे कहते है देश प्रेम
हिन्दुस्तान के लाल जंहा अपने देश कि गाथा गता रहेगा
जय हिंद, जय भारत
धन्यवाद!
ReplyDeleteDivya Sandesh, dhanyavad aapka bahut bahut. :) Ham aapne jeevan me avashya dhalenge
ReplyDeleteShubhakamanoke sath
Mohini
Thanks Mohiniji for your kind comment!
ReplyDeletesab poem alag aur achi and great poem :)
ReplyDeleteThank you very much for your kind words Geetaji!
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