आज मेरे पुत्र को गए तीन महीने हो गए ..
चाहे कर लू लाख जतन
पर याद तुम्हारी आएगी
पुत्र शोक की भीषण पीड़ा
आजीवन मुझे तड़पाएगी|
बिखर चूका हो संसार किसी का
नींद उसे क्या आएगी
पथरायी से आँखें होंगी
मृत्यु ही उसे सुलायेगी|
कायर सी बातें करते मुझको
शर्म तो थोड़ी आएगी
भाग्य में तुझसे विरह लिखा था
नियति ही तुझे मिलाएगी|
करूँ प्रतीक्षा तेरे आने की
किस्मत तुझे लौटाएगी
सीने से जब लगाऊंगा
ममता की प्यास बुझ जाएगी|
जिसे गोद में बसना था
धरती की गोद नसीब हुयी
एक पिता के सारे अरमान
किस्मत के हाथों शहीद हुई|
- अमिताभ रंजन झा
चाहे कर लू लाख जतन
पर याद तुम्हारी आएगी
पुत्र शोक की भीषण पीड़ा
आजीवन मुझे तड़पाएगी|
बिखर चूका हो संसार किसी का
नींद उसे क्या आएगी
पथरायी से आँखें होंगी
मृत्यु ही उसे सुलायेगी|
कायर सी बातें करते मुझको
शर्म तो थोड़ी आएगी
भाग्य में तुझसे विरह लिखा था
नियति ही तुझे मिलाएगी|
करूँ प्रतीक्षा तेरे आने की
किस्मत तुझे लौटाएगी
सीने से जब लगाऊंगा
ममता की प्यास बुझ जाएगी|
जिसे गोद में बसना था
धरती की गोद नसीब हुयी
एक पिता के सारे अरमान
किस्मत के हाथों शहीद हुई|
- अमिताभ रंजन झा
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