Got a baby girl! The poem below is dedicated to her (Aishwarya)!
जीवन मेरा नीरस था
फिर मेरे घर तू आई!
मेरे सुने आँगन में
त्रिलोक की खुशियाँ लायी!!
ममता मेरी प्यासी थी
तुने प्यास बुझाई!
मन को मेरे तन को मेरे
रोम-रोम को भायी!!
ख़ुशी से मेरी आँखें नाम थी
सुन के तेरी रुलाई!
परम आनंद की बेला थी
जब तू गोद में मेरी आई!!
तेरे दरबार में मालिक
होती सबकी सुनवाई!
भगवन तुझे धन्यवाद
तू सबकी करे भलाई!!
- अमिताभ रंजन झा
Tuesday, June 30, 2009
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