भीड़ से भरे बाज़ार में
निगाहों को पढ़ती मेरी निगाहें
निगाहों को ढूंढती निगाहें
निगाहों से टकराती निगाहें
निगाहों से शर्माती निगाहें
निगाहों से कतराती निगाहें
निगाहों को घूरती निगाहें
निगाहों से डरती निगाहें
निगाहों से सहमती निगाहें
निगाहों से घबराती निगाहें
निगाहों को समझाती निगाहें
निगाहों से बतियाती निगाहें
निगाहों से सहमत निगाहें
निगाहों से परेशान निगाहें
निगाहों में खोयी निगाहें
निगाहों को चूमती निगाहें
निगाहों को पूजती निगाहें
निगाहों को साराहती निगाहें
निगाहों से छुपती निगाहें
निगाहों से चिढ़ती निगाहें
निगाहों पे इतराती निगाहें
निगाहों को सुलाती निगाहें
फिर एक नेत्रहीन को देख
हुयी नम मेरी निगाहें
हुयी नम मेरी निगाहें
नेत्रदान महादान!
- अमिताभ रंजन झा
Wednesday, February 3, 2010
निगाहों पे निगाहें
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