Tuesday, March 18, 2014

व्यंग: तू पी एम् की औलाद है पी एम् बनेगा।


मैंने विश्व के महानायक निरंतर गोदीजी के बारे में लिखा था व्यंग: दूध दुहने का प्रतियोगिता में। गोदीजी लगातार चर्चा में बने रहते हैं। आजकल झूलन आसन के द्वारा गोदीजी को ईमानदार बताना काफी चर्चा में हैं। झूलन आसन बचपन में झूला के आसन में बैठ कर झूलते रहते थे सो उनका नाम ही पर गया झूलन आसन। बड़े हुए तो एक वेबसाइट बनाया। नाम नहीं फुरा रहा था तो याद आया उनके अंगना में बौकी नाम की सेवक थी जिसके बाल में ढील और लीख भरा रहता था सो साईट का नाम रख दिए बौकीलीख। झूलन गोदीजी की बड़ाई तो कर दिए पर उनको गोदीजी के राज्य में एक हजार एकड़ मनचाहा जमीन नहीं दिया गया तो वो गोदीजी के बड़ाई के बयान से मुकड़ गए।

उधर रहल गंदे सदमे से बौरा गए। कहते फिरते हम लोग दू सौ से ज्यादा सीट लेंगे। फ्लाइट में जाते तो २०० सीट बुक कर लेते हैं, आई पी एल देखने जाते तो २०० सीट बुक कर लेते। बोलते जहाँ जायेंगे २०० सीट लेंगे कम से कम। सदमा का कारण मत पूछिए। उनकी विश्व के सबसे शक्तिशाली महिला में से एक किन्तु दुखिया विधवा माई ने मौनमहिन को पी एम् बना दिया। मौन जी मौन रहते थे और महीन से स्वभाव से सो नाम पद गया मौनमहिन। मौन जी ने टीम में कूलमाडी, राजन जैसे धुरंधरो को शामिल कर लिए, ऐसे धुरंधर की बालू से भी तेल निकाल ले। इन लोगो से कोयला, टेलिकॉम, कमनवेल्थ गेम्स इत्यादि हर क्षेत्र में में मुँह काला किया। परिणाम ये हुआ की पार्टी अंदर इन शत्रुओ से कही भी मुंह दिखाने के काबिल नहीं रही। रहल गंदे जी का पी एम् होने का खवाब टूट गया। सदमा छोटा नहीं था सो वो भी जिन्नावानी की तरह पी एम् नहीं बनाने के शॉक से बौरा गए। दिली जितने पर हरमन केजड़ेबाल अलग बौरा गए, आनन् फानन में आसपास के चापलूस लोग कह दिए हवा है, लहर है, सब सीट पर उम्मीदवार खड़ा कर दीजिये। सीट बाँट दिया गया है, पर उम्मीदवारों को फण्ड के नाम पर झाबाबा का ठुल्लु दे दिया गया है। गरीब और माध्यम वर्ग के लोग बेटी की शादी का पूँजी और जीवन भर का जमा, खानदानी जमीन बेच कर कंगाल हो चुके हैं और अभी और बदहाली बाकी है। हमको भी टिकट लेने को दोस्तों ने कहा, हम हँसे, उ पार्टी में एम् पी बन के का करेंगे जहां न बत्ती मिलेगा ना हरयाली?

इधर कुछ दिन पहले गोदीजी साहब महिला जासूसी योजना के कारण चर्चा में थे। रहल गंदे को एक रात नींद नहीं आ रही थी। सोते थे लगता था कुर्सी जा रही है, उठ जाते। सो फिर उठ गए। सामने दीवाल पर निरंतर गोदी और उनके अंतरंग मित्र गोमुख साह का फोटू लगाये थे। डार्ट उठाया और उन दोनों के फोटू पर चलाने लगे। एफएम चलाया गाना आ रहा था आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ। रहलजी का माथा ठनका। लैपटॉप उठाया गूगल करने लगे एक एक पिक्चर दोनों का छान लिया। संजोग से गोमुख के इंटरनल पिकासा फोटू अकॉउंट में एक्सेस हो गया। देखा दोनों का आपत्तिजनक फोटू। पाया कि गोदी जी और गोमुख जी तो 'वो' हैं। तो रहल गंदे के जासूसी दिमाग के कीड़े ने पुछा ये वो हैं तो महिला जासूसी किसके लिए कर रहे हैं और ये साहब कौन हैं? तभी रहल जी को बौकीलीख से ट्वीट आ गया कि गोदीजी वीसा चाहते हैं, सो जासूसी खुराक देदेमा जी के लिए करवा रहे हैं। देदेमा जी ही साहब है और इस करतूत का पता देदेमा जी की पत्नी को चल गया है और दोनों अलग रह रहे हैं। रहल गंदे पसीने पसीने होने लगे और चिल्लाने लगे देदेमा साहब है देदेमा साहब है। माई दौड़ के आयी, कलेजे से लगायी बोली, फिर बुरा सपना देखा होगा, और २०० सीट दिलाने का भरोसा देने लगी। ऍफ़ एम् पर गाना आ रहा था तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा तू पी एम् की औलाद है पी एम् बनेगा। रहल फिर सपनाने लगे, ख्याल आया कि गोदीजी का सीना अब तक छप्पन इंच का क्यों हो गया? तो फिर बौकीलीख के ट्वीट में पाया कि गोमुख जी को ५६ इंच का सीना पसंद है तो गोदीजी सिलिकॉन पैड प्लांट करवा के छब्बीस इंच का सीना छप्पन इंच के लिए करवा लिए। ऍफ़ एम् पर गाना आ रहा था इश्क़ ने नचाया ता थय्या थय्या।

- अमिताभ रंजन झा

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