बीता ये साल,
छोड़े सब मलाल,
नववर्ष के स्वागत
में आ झूमे गायें|
नंगे है तन,
भूखे है जन,
पर उम्मीद का दिया
कभी बुझने न पाए|
लाखो हो मुश्किलें,
मिल के हम चले,
सपनो का वतन
मेहनत से बनाये|
आ ले ये कसम,
जब तक दम में दम,
भारत का तिरंगा
झुकने न पाए|
हौसला रहे अटल,
हर प्रयास हो सफल,
नव वर्ष में सबको
हार्दिक शुभकामनाएं|
- अमिताभ रंजन झा
Friday, December 31, 2010
नववर्ष का स्वागत
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