Tuesday, September 10, 2019

हौसला

पिंजड़े में बड़ा सा पंछी
कमजोर अधमरा सा पंछी
भविष्य से अनजान था
पल भर का वो मेहमान था
एक दिन बुलंद कर हौसला
क़ैद से बस उड़ चला
देख के उड़ान उसकी
एक नई पहचान उसकी
दुनिया ये ठिगनी हो गयी
आसमां भी कम पड़ गया

अमिताभ रंजन झा 'प्रवासी'

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