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मैंने पुछा क्या हाल
उसने कहा बस चल रहा|
मैंने पुछा किस रुट पर
सारे दांत मेरे गिरे टूट कर||
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विदेश आने से पहले
लोग सही बात नहीं बताते|
कुछ पता हो न हो
अफवाह जरुर फैलाते||
उधर आटा नहीं मिलेगा
ऐसा लोगो ने बताया|
तो मेरे एक साथी ने
दस किलो आटा ढो के लाया||
बीवी नहीं मिलेगी
ऐसा मुझे लोगो ने बताया|
सो मै पचहत्तर किलो
साथ ले के आया||
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- अमिताभ रंजन झा
Saturday, July 24, 2010
हँसते हँसते कट जाए रस्ते
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Great poem man...humein toh pata hi nahi tha aap itne chhupe rustum ho kavi sahab...
ReplyDeleteRegards
Abdul Quadeer
:)
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