एक सुनसान से कब्रिस्तान में
किसी सुन्दर से पत्थर तले
खुबसूरत कफ़न में दफ़न
करता जाता है कोई परेशान इन्सान
एक एक जज्बात और नाकामयाबी को|
जिसे देख कर हैरान मैं नादान|
वो हबीब है या रक़ीब
मैं नहीं जनता पर ये हूँ मानता
कि ज़िंदा रहने और
आगे बढ़ने के लिए
ये क़दम जरुरी हैं यारों||
- अमिताभ रंजन झा
Thursday, July 29, 2010
हबीब या रक़ीब
Labels:
#pravasi,
#pravasiofficial,
#yourquote,
#yqbaba,
#yqdidi,
#प्रवासी,
#प्रवासीसंग्रह,
kavita,
Poems,
pravasiofficial,
yourquote,
yqbaba,
yqdidi,
कविता,
कहानी,
प्रवासी,
प्रवासीसंग्रह
पागल मन
ख्वाबों में जो बसी हुयी हैं
नजरें उनको ढून्ढ रही हैं|
पागल मन कर रहा इशारे
शायद वो यही कही हैं||
कानो में पायल छनक रहे है
फिजाओं में महक वही है|
मौसम भी कर रहा इशारे
दिल में भी कसक वही है||
आँखों में छाए वो ही वो
सोने सी चमक रही हैं|
होठों पे मासूम हंसी है
असमान से उतर रही हैं||
पागल मन कर रहा इशारे
शायद वो यही कही हैं|
- अमिताभ रंजन झा
नजरें उनको ढून्ढ रही हैं|
पागल मन कर रहा इशारे
शायद वो यही कही हैं||
कानो में पायल छनक रहे है
फिजाओं में महक वही है|
मौसम भी कर रहा इशारे
दिल में भी कसक वही है||
आँखों में छाए वो ही वो
सोने सी चमक रही हैं|
होठों पे मासूम हंसी है
असमान से उतर रही हैं||
पागल मन कर रहा इशारे
शायद वो यही कही हैं|
- अमिताभ रंजन झा
Labels:
#pravasi,
#pravasiofficial,
#yourquote,
#yqbaba,
#yqdidi,
#प्रवासी,
#प्रवासीसंग्रह,
kavita,
Poems,
pravasiofficial,
yourquote,
yqbaba,
yqdidi,
कविता,
कहानी,
प्रवासी,
प्रवासीसंग्रह
Saturday, July 24, 2010
हँसते हँसते कट जाए रस्ते
*************************
मैंने पुछा क्या हाल
उसने कहा बस चल रहा|
मैंने पुछा किस रुट पर
सारे दांत मेरे गिरे टूट कर||
*************************
विदेश आने से पहले
लोग सही बात नहीं बताते|
कुछ पता हो न हो
अफवाह जरुर फैलाते||
उधर आटा नहीं मिलेगा
ऐसा लोगो ने बताया|
तो मेरे एक साथी ने
दस किलो आटा ढो के लाया||
बीवी नहीं मिलेगी
ऐसा मुझे लोगो ने बताया|
सो मै पचहत्तर किलो
साथ ले के आया||
*************************
- अमिताभ रंजन झा
मैंने पुछा क्या हाल
उसने कहा बस चल रहा|
मैंने पुछा किस रुट पर
सारे दांत मेरे गिरे टूट कर||
*************************
विदेश आने से पहले
लोग सही बात नहीं बताते|
कुछ पता हो न हो
अफवाह जरुर फैलाते||
उधर आटा नहीं मिलेगा
ऐसा लोगो ने बताया|
तो मेरे एक साथी ने
दस किलो आटा ढो के लाया||
बीवी नहीं मिलेगी
ऐसा मुझे लोगो ने बताया|
सो मै पचहत्तर किलो
साथ ले के आया||
*************************
- अमिताभ रंजन झा
Labels:
#pravasi,
#pravasiofficial,
#yourquote,
#yqbaba,
#yqdidi,
#प्रवासी,
#प्रवासीसंग्रह,
kavita,
Poems,
pravasiofficial,
yourquote,
yqbaba,
yqdidi,
कविता,
कहानी,
प्रवासी,
प्रवासीसंग्रह
Friday, July 23, 2010
भारतवर्ष की संतान
भारतवर्ष की संतान
भारतवर्ष की है संतान,
ये बात कभी तू भूले न|
ऐसे करना काम महान,
मन ख़ुशी से फूल समाये न||
एक मुख बस, आंख कान दो,
दस उंगलिया दिए विधाता ने|
बोल देख सुन थोड़ा, कर ज्यादा काम,
व्यर्थ समय कभी गंवाए न||
किसी हाल में कोई बुराई
तुझको कभी बहकाए न|
मुस्कान, स्वाभिमान तो रखना,
अभिमान कभी छू पाए न||
जीवनपथ में भेड़िये मिलेंगे,
सिर्फ मिलेंगे भेड़ ही न|
संयम से तू संग चले,
और कभी घबराये न||
अटल विश्वास से सब संभव,
असंभव तुझे झुकाए न|
साहस धीरज से रहना,
रोड़े कदम रोक पाए न||
तू जाये उस पथ भी,
जहा भय से कोई जाये न|
आगे बढ़ते जाना तू,
क्या हुआ संग कोई आये न||
जब तक न मंजिल हासिल हो,
न रुके तू और सोये न|
मुश्किल हो तो खूब लड़े,
न थके तू और रोये न||
एक मुकाम हो जब हासिल
आलस से सुस्ताये न|
कामयाबी पर जश्न हो बेशक
पर प्यास कभी बुझ पाए न||
सूरज, चाँद, सितारे भी
चमक तेरी घटाए न|
ब्रह्माण्ड सदा याद रखे,
इतिहास कभी भुलाये न||

- अमिताभ रंजन झा
Labels:
#pravasi,
#pravasiofficial,
#yourquote,
#yqbaba,
#yqdidi,
#प्रवासी,
#प्रवासीसंग्रह,
Aishwarya,
kavita,
Poems,
pravasiofficial,
yourquote,
yqbaba,
yqdidi,
कविता,
कहानी,
प्रवासी,
प्रवासीसंग्रह
Sunday, June 27, 2010
गंगा के दो किनारे
आपने दिल तोड़ दिया
हमसे मुंह मोड़ लिया
हमको अकेला छोड़ दिया
हम छोड़ ना पाए|
खुशियों के मौसम बीते
अब यादों के मौसम आये
मन में ऐसे टीस जगाए
हमको हर पल तड़पाऐ|
गंगा से ली गीली मिट्टी
प्यार का डाला बालू गिट्टी
बाते की कुछ मीठी खट्टी
रेत पे हमने घर भी बनाये|
इंतजार में तेरे हमने
कितने पत्थर नदी में डाले
कितने पंखुरी फूलों से निकाले
हम गिन न पाए|
बाँहों में तुझको लेके
जुल्फों के साये में सोके
झील सी आँखों में खोके
हरदिन सूरज हमने डुबाये|
गोद में तेरे सर रखकर
ओस में कितनी राते काटी
चंदा से की जी भर बातें
तारो से भी नैन मिलाये|
सतरंगा अपना शहर हो
नदी किनारे छोटा घर हो
सारे जगकी ख़ुशी मगर हो
मीठे सपने हमने सजाये|
टूट गए वो सारे सपने
हमें रुलाया सारे जगने
हुए पराये अब तो अपने
अब भी हम जाग न पाए|
देखू तुझे दिल करे इशारे
मन ही मन तुझे पुकारे
पर गंगा के हम दो किनारे
सामने हैं पर मिल न पाए|
आपने दिल तोड़ दिया
हमसे मुंह मोड़ लिया
हमको अकेला छोड़ दिया
हम छोड़ ना पाए|
छोड़ ना पाए|

- अमिताभ रंजन झा
http://amitabh-jha.blogspot.com/search/label/Poems
Labels:
#pravasi,
#pravasiofficial,
#yourquote,
#yqbaba,
#yqdidi,
#प्रवासी,
#प्रवासीसंग्रह,
Ganga,
kavita,
Poems,
pravasiofficial,
yourquote,
yqbaba,
yqdidi,
कविता,
कहानी,
प्रवासी,
प्रवासीसंग्रह,
मध्य वर्ग
Sunday, May 16, 2010
नहर
नहर
बिहार नेपाल सीमा पर
नहर की है दरकार|
हुए साठ साल आजादी के
और कितना इन्तजार?
बाढ़ पे हो पाबन्दी
और बिजली की बहार|
नहर लाए समृधि
हो सपने साकार||
मै चीखू-चिल्लाऊ
करू विनती हजार|
अकेले मरी आवाज को
सुने कौन सरकार?
दस लाख हम जब मिले
और करे पुकार|
कैसे न सुनेगी
बहरी से बहरी सरकार||
- अमिताभ रंजन झा
Appeal
A 356 KM long canal at Bihar(India)-Nepal border in Bihar can provide permanent solution to regular floods. Control on flood will increase agricultural production. Abundant electricity will lead to Industrial revival.
Please join us to become 1 million and then we demand together!
@ facebook: Bihar Revival Forum
@ facebook cause: Bihar Revival Cause
And left a comment "Yes, I want canal!" @ Bihar Revival Blog
Join and invite you friends for the Bihar Revival Cause!
बिहार नेपाल सीमा पर
नहर की है दरकार|
हुए साठ साल आजादी के
और कितना इन्तजार?
बाढ़ पे हो पाबन्दी
और बिजली की बहार|
नहर लाए समृधि
हो सपने साकार||
मै चीखू-चिल्लाऊ
करू विनती हजार|
अकेले मरी आवाज को
सुने कौन सरकार?
दस लाख हम जब मिले
और करे पुकार|
कैसे न सुनेगी
बहरी से बहरी सरकार||
- अमिताभ रंजन झा
Appeal
A 356 KM long canal at Bihar(India)-Nepal border in Bihar can provide permanent solution to regular floods. Control on flood will increase agricultural production. Abundant electricity will lead to Industrial revival.
Please join us to become 1 million and then we demand together!
@ facebook: Bihar Revival Forum
@ facebook cause: Bihar Revival Cause
And left a comment "Yes, I want canal!" @ Bihar Revival Blog
Join and invite you friends for the Bihar Revival Cause!
Labels:
#pravasi,
#pravasiofficial,
#yourquote,
#yqbaba,
#yqdidi,
#प्रवासी,
#प्रवासीसंग्रह,
Bihar,
kavita,
Poems,
pravasiofficial,
Revive Bihar,
yourquote,
yqbaba,
yqdidi,
कविता,
कहानी,
प्रवासी,
प्रवासीसंग्रह
Saturday, April 24, 2010
Lori
निनिया रानी आ जा
ऐशू को सुला जा|
ऐशू मेरी गुड़िया
रंग बिरंगी चिड़िया||
चंदा मामा आ जा
बौवा को सुला जा|
बौवा मेरी बढ़िया
जादू की पुड़िया||
टिमटिम तारा आ जा
छोटी को सुला जा|
छोटी मेरी प्यारी
पापा की दुलारी||
परी रानी आ जा
बेटी को सुला जा|
बेटी मेरी अच्छी
छोटी सी बच्ची||
आ रे निनिया आ
बौवा को सुला|
आ रे चंदा आ
ऐशू को सुला|
आ रे तारा आ
बच्ची को सुला|
आ रे परी आ
बेटी के सुला|
आ रे चंदा आ
ऐशू को सुला|
- अमिताभ रंजन झा
ऐशू को सुला जा|
ऐशू मेरी गुड़िया
रंग बिरंगी चिड़िया||
चंदा मामा आ जा
बौवा को सुला जा|
बौवा मेरी बढ़िया
जादू की पुड़िया||
टिमटिम तारा आ जा
छोटी को सुला जा|
छोटी मेरी प्यारी
पापा की दुलारी||
परी रानी आ जा
बेटी को सुला जा|
बेटी मेरी अच्छी
छोटी सी बच्ची||
आ रे निनिया आ
बौवा को सुला|
आ रे चंदा आ
ऐशू को सुला|
आ रे तारा आ
बच्ची को सुला|
आ रे परी आ
बेटी के सुला|
आ रे चंदा आ
ऐशू को सुला|
- अमिताभ रंजन झा
Labels:
#pravasi,
#pravasiofficial,
#yourquote,
#yqbaba,
#yqdidi,
#प्रवासी,
#प्रवासीसंग्रह,
Hindi Lori,
kavita,
Lori,
Poems,
pravasiofficial,
yourquote,
yqbaba,
yqdidi,
कविता,
कहानी,
प्रवासी,
प्रवासीसंग्रह
Sunday, March 14, 2010
फिर याद आया कोई
फिर याद आया कोई
हुयी आँखें फिर से नम|
फिर दिल में वही टीस
उठी फिर से वही चुभन||
अक्सर मैं सोचता हूँ
हाय कैसे मेरे करम|
या खुदा तू जवाब दे
क्यों ढाया ये सितम||
यूँ तो छोर मैं चला
वो गलियां वो वतन|
लेकिन ये यकीं है
वो याद आयेंगे हरदम||
फिर आँखों में दिख रहे
वो पल साथ थे जो हम|
यूँ संग तो वो नहीं
पर चाहत ना हुयी कम||
फिर याद आया कोई
हुयी आँखें फिर से नम|
फिर दिल में वही टीस
उठी फिर से वही चुभन||
- अमिताभ रंजन झा
हुयी आँखें फिर से नम|
फिर दिल में वही टीस
उठी फिर से वही चुभन||
अक्सर मैं सोचता हूँ
हाय कैसे मेरे करम|
या खुदा तू जवाब दे
क्यों ढाया ये सितम||
यूँ तो छोर मैं चला
वो गलियां वो वतन|
लेकिन ये यकीं है
वो याद आयेंगे हरदम||
फिर आँखों में दिख रहे
वो पल साथ थे जो हम|
यूँ संग तो वो नहीं
पर चाहत ना हुयी कम||
फिर याद आया कोई
हुयी आँखें फिर से नम|
फिर दिल में वही टीस
उठी फिर से वही चुभन||
- अमिताभ रंजन झा
Labels:
#pravasi,
#pravasiofficial,
#yourquote,
#yqbaba,
#yqdidi,
#प्रवासी,
#प्रवासीसंग्रह,
Adbhut,
kavita,
Poems,
pravasiofficial,
yourquote,
yqbaba,
yqdidi,
कविता,
कहानी,
प्रवासी,
प्रवासीसंग्रह
Wednesday, February 3, 2010
निगाहों पे निगाहें
भीड़ से भरे बाज़ार में
निगाहों को पढ़ती मेरी निगाहें
निगाहों को ढूंढती निगाहें
निगाहों से टकराती निगाहें
निगाहों से शर्माती निगाहें
निगाहों से कतराती निगाहें
निगाहों को घूरती निगाहें
निगाहों से डरती निगाहें
निगाहों से सहमती निगाहें
निगाहों से घबराती निगाहें
निगाहों को समझाती निगाहें
निगाहों से बतियाती निगाहें
निगाहों से सहमत निगाहें
निगाहों से परेशान निगाहें
निगाहों में खोयी निगाहें
निगाहों को चूमती निगाहें
निगाहों को पूजती निगाहें
निगाहों को साराहती निगाहें
निगाहों से छुपती निगाहें
निगाहों से चिढ़ती निगाहें
निगाहों पे इतराती निगाहें
निगाहों को सुलाती निगाहें
फिर एक नेत्रहीन को देख
हुयी नम मेरी निगाहें
हुयी नम मेरी निगाहें
नेत्रदान महादान!
- अमिताभ रंजन झा
निगाहों को पढ़ती मेरी निगाहें
निगाहों को ढूंढती निगाहें
निगाहों से टकराती निगाहें
निगाहों से शर्माती निगाहें
निगाहों से कतराती निगाहें
निगाहों को घूरती निगाहें
निगाहों से डरती निगाहें
निगाहों से सहमती निगाहें
निगाहों से घबराती निगाहें
निगाहों को समझाती निगाहें
निगाहों से बतियाती निगाहें
निगाहों से सहमत निगाहें
निगाहों से परेशान निगाहें
निगाहों में खोयी निगाहें
निगाहों को चूमती निगाहें
निगाहों को पूजती निगाहें
निगाहों को साराहती निगाहें
निगाहों से छुपती निगाहें
निगाहों से चिढ़ती निगाहें
निगाहों पे इतराती निगाहें
निगाहों को सुलाती निगाहें
फिर एक नेत्रहीन को देख
हुयी नम मेरी निगाहें
हुयी नम मेरी निगाहें
नेत्रदान महादान!
- अमिताभ रंजन झा
Labels:
#pravasi,
#pravasiofficial,
#yourquote,
#yqbaba,
#yqdidi,
#प्रवासी,
#प्रवासीसंग्रह,
eye donation,
kavita,
Poems,
pravasiofficial,
yourquote,
yqbaba,
yqdidi,
कविता,
कहानी,
नेत्रदान,
प्रवासी,
प्रवासीसंग्रह
Sunday, October 25, 2009
Windows 7 Evaluation
Microsoft released new OS Windows 7
The free evaluation version is available for download here Windows 7 Enterprise. Or just google with Windows 7 free download.
I decided to try it my on my HP Pavilion dv5000 laptop (Intel Centrino Duo, x86, nVIDIA, 1 GB RAM, Windows XP).
I downloaded the Windows 7 Upgrade Advisor.
And fun began!
I ran the upgrade advisor and even though I had the internet connected I got consistently an error message telling there is no internet connection.
Old habits die hard!
I dared to fresh install the Windows 7 instead of upgrade.
Voila, after few hiccups I could install the OS!
I fall in love at the first sight because of her impressive looks and friendliness!
Problem began when i received various prompts for incompatible drivers like for Kaspersky Security, HP Update etc. I approached to the vendor's site as suggested while troubleshooting but not of much use. Either they are not ready for W7 or the patch is not working.
Funniest of the problem is while typing the cursor jumps here and there unexpectedly and I am having hard time while typing.
Computer becomes less responsive if it is idle for some time or many windows are open.
I may breakup well before the 90 days trial period and move to my eternal love XP!
The free evaluation version is available for download here Windows 7 Enterprise. Or just google with Windows 7 free download.
I decided to try it my on my HP Pavilion dv5000 laptop (Intel Centrino Duo, x86, nVIDIA, 1 GB RAM, Windows XP).
I downloaded the Windows 7 Upgrade Advisor.
And fun began!
I ran the upgrade advisor and even though I had the internet connected I got consistently an error message telling there is no internet connection.
Old habits die hard!
I dared to fresh install the Windows 7 instead of upgrade.
Voila, after few hiccups I could install the OS!
I fall in love at the first sight because of her impressive looks and friendliness!
Problem began when i received various prompts for incompatible drivers like for Kaspersky Security, HP Update etc. I approached to the vendor's site as suggested while troubleshooting but not of much use. Either they are not ready for W7 or the patch is not working.
Funniest of the problem is while typing the cursor jumps here and there unexpectedly and I am having hard time while typing.
Computer becomes less responsive if it is idle for some time or many windows are open.
I may breakup well before the 90 days trial period and move to my eternal love XP!
Subscribe to:
Posts (Atom)