Sunday, October 5, 2014

LinksA2z

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About LinksA2z
LinksA2z is brainchild of NRI/r professionals from Patna with focus on below areas:

International Montessori Play School - LinksA2z offers these school in every village and town on franchise basis where kids are taught through Computers, Tablets, toys, worksheets and educational games so that they become creator of the same in their early age.

Computers/Vocational Training School - LinksA2z offers affordable World Class Training in every village and town to develop English Speaking work force with International Accent, employable for BPO and Call Centres at low cost of $200-500 month per head. LinksA2z plans to have 2000 Playschool cum BPO readiness training centre with franchise both in urban and rural area and Franchise proposals starting from investment range of ₹25000 to ₹12 Lakh and Annual profits from ₹60,000 to ₹15 Lakh. Bank loan assistance will be provided.

Programmer Training cum Recruitment Program - LinksA2z offers Special Six Month Training-cum-Recruitment Program followed by Guaranteed Job with salary from day one for BCA/MCA/BTECH Fresher. LinksA2z is recruiting 20 BCA/MCA Freshers by 2014, 200 by 2015 and 5000 by 2020.

IT & ITeS Centre - LinksA2z offers World Class Software and BPO Professionals to world at the cost of $200-1000 month per head. LinksA2z will build a Solar Powered Integrated IT City with ITeS Park, Residential Apartments, School, Hospital, Utilities near Patna by 2025 for 20,000 Software Professionals.

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Friday, October 3, 2014

माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना

माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना

नौ महीने उदर में समाये रक्खा,
लहू से सींचा नाभी से लगाये रक्खा,
अपनी धड़कन से दिल मेरा जगाये रक्खा,
मीठे सपनो में मुझको बसाये रक्खा।

इतना छोटा हूँ कि हथेली में समा जाता,
अंगूठा चूसू बस और कुछ भी नहीं आता,
छोड़ो हँसना अभी तो मैं रो भी नही पाता,
माँ आँखे खोलू तो जी मेरा घबराता।

अपनी आँचल में मुझको छुपाये रखना,
माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना।

तेरी गोदी में सीखूंगा मैं खिलखिला कर हँसना,
ऊँगली तेरी पकड़ कर एक दिन है चलना,
माँ मुझ पे कभी भी नाराज ना होना,
गिर भी जाऊ तो सिखाना संभलना।

अपनी आँचल में मुझको छुपाये रखना,
माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना।

नित्य-नयी कथाएँ तू सुनाती रहना,
वीरता-ज्ञान का अलख तू जलाती रहना,
सो भी जाऊ तो लोरी गुनगुनाती रहना,
डर न जाऊ कही सपने में भी आती रहना।

अपनी आँचल में मुझको छुपाये रखना,
माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना।

मेरे बालों में उंगलिया फिराती रहना,
मेरे चेहरे को हाथों से थपथपाती रहना,
मेरी आँखों पे चुम्बन लुटाती रहना,
अपने गालों से मेरे गालों को लगाती रहना।

अपनी आँचल में मुझको छुपाये रखना,
सर अपना मेरे माथे पे टिकाये रखना,
दुनिया की निगाहों से बचाए रखना,
माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना।

अपनी आँचल में मुझको छुपाये रखना,
माँ मुझको कलेजे से लगाये रखना।

Sunday, September 14, 2014

जनसंख्या - भारत - चीन - विकास

एक सौ तेईस करोड़ जनसंख्या के साथ भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे आबादी वाला देश है। विश्व की आबादी का 17.5 % लोग भारत में रहते हैं। भारत के आधी आबादी की उम्र 25 वर्ष से कम है। 31.2 % आबादी की उम्र 14 साल या कम है। रंगराज पैनल रिपोर्ट 2012 के अनुसार 29.5% आबादी गरीबी रेखा से नीचे है। भारत का नॉमिनल जीडीपी 2.1 ट्रिलियन डॉलर के साथ विश्व में दसवें स्थान पर है।

बढ़ती जनसँख्या गहरी चिंता की विषय है। आबादी 1.4 % के दर से बढ़ रही है किन्तु संसाधन सिमित है। भारत में जनसँख्या वृद्धि के अनुरूप रोजगार नहीं बढ़ पाया है और एक करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हैं। और बेरोजगारी दर 8.5% है। आबादी की जरुरतो को पूरा करने के लिए भारत 616.7 बिलियन डॉलर आयात पर खर्च करता है। किन्तु निर्यात सिर्फ 442.4 बिलियन डॉलर का ही हो पाता है।

1990 में भारत और चीन की अर्थव्यस्था लगभग बराबर थी, चीन का सकल घरेलु उत्पाद 390 बिलियन डॉलर एवं भारत का 323.5 बिलियन डॉलर। 1990 में चीन की प्रति व्यक्ति जीडीपी $341 थी और भारत की $387।

आज 2014 में, चीन ने पिछले पीछे बीस वर्षों में अपने मानव संसाधन का उंपयुक्त तरीके से इस तरह उपयोग किया कि आज चीन का सकल घरेलु उत्पाद 9.9 ट्रिलियन डॉलर एवं प्रति व्यक्ति जीडीपी $7277 है। वही आज भारत का सकल घरेलु उत्पाद 2.1 ट्रिलियन डॉलर एवं प्रति व्यक्ति जीडीपी $1695 ही है।

यदि भारत भी चीन के भांति अपने मानव संसाधन का सही इस्तेमाल करे और प्रति व्यक्ति जीडीपी के विकास पर ध्यान दे तो कुछ वर्षों में ही भारत भी चीन की तरह विकास पा सकता है और विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन सकता है।

- अमिताभ रंजन झा

References:
http://en.wikipedia.org/wiki/Demographics_of_India
http://en.wikipedia.org/wiki/India
http://en.wikipedia.org/wiki/Economy_of_India
http://articles.economictimes.indiatimes.com/2014-02-07/news/47126380_1_2004-05-prices-lakh-crore-capita-income
http://www.tradingeconomics.com/india/gdp-per-capita
http://country-facts.findthebest.com/compare/12-122/China-vs-India

Friday, August 15, 2014

Happy Independence Day!



भारतवर्ष की संतान
भारतवर्ष की तू है संतान, ये बात कभी भी तू भूले न।
ऐसे करना काम महान, मन ख़ुशी से समाये फूले न।।
एक मुख दो आंख-कान, दस उंगलिया दिए विधाता ने।
कम बोल देख सुन, कर काम, व्यर्थ समय गंवाए न।।

किसी हाल में कोई बुराई तुझको कभी बहकाए न।
मुस्कान, स्वाभिमान तो हो, अभिमान छू पाए न।।
जीवनपथ में भेड़िये मिलेंगे, सिर्फ मिलेंगे भेड़ ही न।
संयम से तू चले बढे, किसी हाल में भी घबराये न।।

दृढ़ विश्वास से सब संभव, असंभव तुझे झुकाए न।
साहस धीरज से रहना तू, रोड़े कदम रोक पाए न।।
तू जाये आगे उस पथ भी, जहा भय से कोई जाये न।
आगे बढ़ते जाना तू, क्या हुआ जो कोई संग आये न।।

जब तक न मंजिल हासिल हो, न रुके तू सोये न।
मुश्किल हो तो खूब लड़े, न थके-रुके तू रोये न।।
एक मुकाम हो जब हासिल आलस से सुस्ताये न।
कामयाबी जश्न हो बेशक, प्यास कभी बुझाए न।।

भारतवर्ष की तू है संतान, ये बात कभी भी भूले न।
ऐसे करना काम महान, मन ख़ुशी समाये फूले न।।
सूरज, चाँद, सितारे सारे चमक तेरी घटा पाए न।
ब्रह्माण्ड सदा याद रखे, इतिहास कभी भुलाये न।।


ज़श्न-ए-आज़ादी

ज़श्न-ए-आज़ादी पर हसरत, सख्त मेहनत मशक्कत
गरीबी बदहाली को फुर्सत, अम्नोखुशहाली को बरकत
मालिक की हो इनायत, बख़्शे नेक किस्मत निहायत
यार परिवार के संग मिल कर तबियत से हो दावत
नफरत और कड़वाहट हो हमेशा के लिए रुखसत
वतन-ए-मोहब्बत में हमें शहादत की हो हिम्मत

पड़ोसी के लिए अक्ल की चाहत, वो बदले फितरत
हम दें दोस्ती की दस्तक, प्यार इजहार की आहट
सियासत-ए-अमन की दीन ईमान से हो इज्ज़त
जी जान से हो कसरत, रख लिहाज़-ए-इंसानियत
छोड़ उसूल-ए-हुकूमत जो ढाए मासूमो पे क़यामत
कर बंद बुरी हरकत वरना लोग करेंगे बगावत

पर याद रख हजरत न हो गुस्ताख हिमाकत
गर लड़ाई की जुर्रत खाक होगी तेरी किस्मत
अमन पसंद हैं हम, इसलिए इसकी वकालत
लड़ाई कभी नहीं रही हमारे हिन्दुस्तां की चाहत
सबके लिए दुआ है और पैगाम-ए-सदाकत
ज़श्न-ए-आज़ादी पे हमारी है आज ये हसरत

- अमिताभ रंजन झा



मेरे सपनों का भारत

हर चेहरे पर मुस्कान हो
हर हाथों को काम हो|
गगन चुम्बी स्वाभिमान हो
हर भारतवासी कीर्तिमान हो||

वाणी में मिठास हो
सफलताओ की प्यास हो|
आलस्य को अवकाश हो
अनगिनत प्रयास हो||

कृषि का विकास हो
मंजिले आकाश हो|
अज्ञानता का नाश हो
हृदय में प्रकाश हो||

आतंक का संहार हो
अहिंसा का व्यवहार हो|
सबको सबसे प्यार हो
ऐसे संस्कार हो||

अन्न का भंडार हो
नित्य नए अविष्कार हो|
शिक्षा का संचार हो
प्रगति का विचार हो||

ज्ञान का सम्मान हो
विज्ञान का उत्थान हो|
रोगों की रोकथाम हो
भ्रष्टाचार का न निशान हो||

मुख पर मोहक हर्ष हो
और भीषण संघर्ष हो|
सद्भाव का व्यवहार हो
किन्तु पराजय अस्वीकार हो||

नित्य नूतन प्रयोग हो
संसाधनों का सदुपयोग हो|
खोयी प्रतिष्टा पुनर्जित करे
लक्ष्य नए निर्धारित करे||

हर भारतीय आगे बढे
हरसंभव यत्न करे|
सौ बार हो विफल
एक और प्रयत्न करे||

मिल के ये ले शपथ
चलेंगे हम प्रगति पथ|
फिर ये स्वप्न साकार हो
और ऐसा चमत्कार हो||

- अमिताभ रंजन झा

Thursday, June 5, 2014

अपने आप पर भरोसा कर लिया करो।।


लोग कुछ भी कहते हैं कहते ही रहते हैं, कुछ जल के कहते हैं कुछ डर के भी कहते हैं।
लोग कहें तो बस यूँ ही सुन लिया करो, पर अपने फैसले खुद ठोक बजा के लिया करो।।

बात से बात निकलती ही चली जाती है, पर बस बातों से मंजिल कब कहा आती है?
तर्क वितर्क में भी समय क्या गवाना, मुस्कुरा कर पतली गली से निकल लिया करो।।

क्रोध आवेश में लिया फैसला अक्सर सही नहीं होता है , जब ऐसा हो तो यूँ करो तुम,
कुछ पल अकेले में बैठ कर सोच लिया करो, गहरी साँस ले, ठंडा पानी पी लिया करो।।

जब तुम को ही नहीं भरोसा खुद तुम पर नादाँ, तो दुसरे तुझ पर ऐतबार कैसे करे?
इसलिए खुदा का नाम लेकर सबसे पहले, अपने आप पर भरोसा कर लिया करो।।

इस दुनिया में तेरा हर फैसला बस तेरा है, इस समंदर में तू ही हौसला तेरा है।
जब एक बार कर लिया कोई फैसला तो, अंजाम भी कबुल कर लिया करो।।

फैसले का सही गलत होना वक्त पर छोड़ तुम कदम बढ़ाते ही रहना प्यारे।
सफलता विफलता से लेकर सबक तुम अगले मंजिल के तरफ बढ़ लिया करो।।

Tuesday, May 27, 2014

अच्छे दिन आने वाले हैं

किसी गली से गुजर रहा था
एक झोपड़ के पास मेरे
कदम बस ठिठक गए
दीवाल झुकी टूटी हुयी थी
ऊपर छत भी नहीं थी
घर अँधेरे में था डूबा
बाबा ने ताड़ी पी रखी थी
भूखे बच्चे बिलख रहे थे
रसोई में रोटी नहीं थी
माँ उन्हें फुसला रही थी कह,
दिन बुरे जाने वाले हैं, अच्छे दिन आने वाले हैं.

किसी नुक्कड़ से गुजर रहा था
चौपाल के पास मेरे
कदम बस ठिठक गए
महंगाई पर चर्चा चली थी
गरीबी भी बातों में निकली थी
बेरोजगारों की हालत बुरी थी
बिजली पानी किसी ने न देखी सुनी थी
विकास कागज पर हुयी थी
पर टीवी पर विज्ञापन आ आ कर
उनको हौसला दे रही थी कह,
दिन बुरे जाने वाले हैं, अच्छे दिन आने वाले हैं.

नए प्रधानमंत्री ने शपथ थी खायी
नयी सरकार कस्मे ले रही थी
मैं सोच में खोया हुआ था
चिंतन में गहरे डूबा हुआ था
मंदी जग में छायी हुयी थी
आय में बढ़त नहीं थी
टैक्स मुद्रास्फीति बहुत थी
मन को बस बहला दिया कह,
दिन बुरे जाने वाले हैं, अच्छे दिन आने वाले हैं.
निराशा को झुठला दिया कह,
दिन बुरे जाने वाले हैं, अच्छे दिन आने वाले हैं.
सपने नए फिर सजा लिया कह,
दिन बुरे जाने वाले हैं, अच्छे दिन आने वाले हैं.

- अमिताभ रंजन झा



Sunday, May 18, 2014

#आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी

#आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी
आम आदमी पार्टी से जुड़ कर कुछ आम आदमी खास आदमी बन कर पार्टी के सिद्धांतों को ताक पर रख मनमानी करने लगे हैं. दुसरो की बात नहीं सुनना, ध्यान नहीं देना, सलाह पर ध्यान नहीं देना, निर्णय लेने में देरी करना, भाई बंधुओ मित्रो को पार्टी पद पर बिठा देना, टिकट देना, रैली – प्रमोशन के सलाह को दरकिनार करना, सोते रहना उनकी खासियत बन गयी है. पार्टी में ऐसे हितैषी हो तो शत्रुओं की आवश्यकता नहीं होती. ऐसे #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी के महिमा को सादर नमन:

सत्य तथ्य #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी – पचीसी – पचीस सूत्र
निम्नलिखित तथ्य को समझे और अपने जीवन में #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी मंत्र का जाप शुरू कर सुखद जीवन कि कामना को यथार्थ में बदले.
************************
१. दिल्ली में आप जीता #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी के कारण
२. #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी को मनमानी करने का अधिकार है क्योंकि वो भवन बुद्ध महावीर और गुरु गोविन्द सिंह के अनेक में एक अवतार हैं
३. बिहार के निर्णय में सिर्फ उनकी सुनी गयी क्योंकि #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी अजय हैं अजीत हैं
४. कलंकित और अयोग्य लोगो को वो दल में लाते हैं क्योंकि #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी कि वाणी मात्र सुन के या बस उनके छाया का चरण स्पर्श कर के लोग के पाप धूल जाते हैं, मन पवित्र हो जाता है और योग्यता एकाएक उत्पन्न हो जाती है, अंधे को दृष्टि, गूंगे को वाणी, बहरे तो श्रवणशक्ति, अंगविहीन को अंग, अज्ञानी को ज्ञान, बाँझ को संतान, विद्याथियों को पास मार्क्स मिल जाते हैं.
५. विद्यापति को सारे कविता का डिक्टेशन #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी ने स्वप्न में आ के दिया था
६. जनक को #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी ने स्वप्न में बताया था कहा हल चलाने से सीता की उत्पत्त्ति होगी
७. वीर कुंवर सिंह #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी से प्रभावित हो के अंग्रेजो से लड़ने चले गए थे
८ . चाणक्य को को सारे ज्ञान #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी ने ही दिए थे
९. आर्यभट्ट को गणित और खगौल शास्त्र #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी ने सिखाया था
१०. बुद्ध को एनलाइटनमेंट #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी ने दिया था
११. #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी को किसी भी मुद्दे पर मीडिया या लोगो को कुछ कहने कि आवश्यकता नहीं है क्योंकि वो डायरेक्ट लोगो के स्वप्न में आके सारी बात कहते हैं.
१२. #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी के नाम सोचने मात्र से कुत्तो की दम सीधी हो जाती है, कछुआ कि गति बढ़ जाती है, सूर्य पश्चिम से दिन रात उगने लगती है, सागर अपने जल को मीठा कर देती है
१३. #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी किसी की नहीं सुनते, किसी से बात नहीं करते, किसी से सलाह नहीं लेते क्योंकि वो सीधे मन कि बात जान लेते हैं, ध्यान लगा के. जब भी उनसे संपर्क करना हो और वो न मेल का रिप्लाई करे, न एस एम् एस का. न चिट्ठी का, न फ़ोन उठाये, तो हताश न हो, आँखें मूँद कर उनका स्मरण करें और सारी बात मन ही मन उनको बता दे, वो तुरंत सुन लेंगे।
१४. #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी निर्णय लेने में देर करते हैं या नहीं लेते हैं क्योंकि सब्र का फल मीठा होता है, फल सड़ भी जाए तो फिक्र नहीं वो पशुओ का भोजन या जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल हो सकता है.
१५. #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी बिहार के अगले मुख्य मंत्री नहीं बनेंगे क्योंकि वो अमेरिका के अगले प्रेसिडेंट बनाने वाले हैं. वो भारत का अगला राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते क्योंकि वो मोनोगेमी में विश्वास रखते हैं, राष्ट्र का पति बनना स्वीकार नहीं।
१६. #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी का ऐसा प्रभाव है कि कोई भी पार्टी आप कैंडिडेट्स के खिलाफ अपने कैंडिडेट नहीं खड़ी करने वाली है, ऐसा यू पी में हाल में सिर्फ सी एम् अखिसलेश कि पत्नी के साथ पिछले चुनाव में हुआ था
१७. #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी के चरण पड़ते ही बिहार विकसित हो जायेगा, इन फैक्ट आलरेडी विकसित होना शुरू हो गया है
१८. #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी का १००० मीटर लम्बा मूर्ति बनाने का प्रस्ताव बिहार सरकार पारित करने वाली है, उसमे पुरे नवग्रहो से, विश्व के हरेक गांव से लोहा और पत्थर मंगाया जाएगा
१९. गणेश से पहले हर पूजा में #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी नमो नमः मंत्र जप जाता है , सप्ता विपताः, अनंत चतुर्दशी कथा से पहले उनका सुमिरन किया जाता है. चौठ चन्द्र में चन्द्रमा ना दिखे तो कोई भी फल हाथ में लेकर उनका स्मरण कर, चाँद दुपरहिया में भी उग आवेगा।
२०. गायत्री जपे न जपे #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी जपने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, किसी को छींक आवे तो #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी जोर से कहने से उसकी आयु बढ़ जाती है.
२१. #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी का नाम लेबे से मैली गंगा साफ़ हो जाती है, मुनसपलिटी का पानी भी फ़िल्टर हो जाता है, मोक्ष कि अपेक्षा रखने वालों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.
२२. मन में, चरित्र में, हालात में नेगेटिविटी हो तो #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी का नाम लेने मात्र से नेगेटिविटी पाजिटिविटी में बदल जाती है, यहाँ तक की ओ- रक्त भो ओ+ में बदल जाता है.
२३. भंडार में, किताब में, पर्स में #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमीका नाम लिख कर रख दे, अन्न, धन, ज्ञान में खुद बखुद बढ़ोत्तरी होती जाएगी।
२४. सृष्टि के महानयक #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी को कौन नहीं जानता? शस्त्र जिनको छेद नहीं सकते, अग्नि जिनको जला नहीं सकती, पवन जिनको सुखा नहीं सकता, कोई और नहीं वो #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी हैं.
२५. #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी बिहार का, भारत का, विश्व का और सृष्टि का सौभाग्य हैं. यदि वो बिहार में या भारत में या मीडिया में कही नजर नहीं आते तो हताश न हो, उनकी चुप्पी भी बोलती है, वो अदृश्य होकर भी सर्वव्यापी हैं.

मित्रो ऐसे देवता के देवता, राजाओ के राजा #आम-आदमी-पार्टी-के-खास-आदमी का चरणवंदन करें!

Friday, May 16, 2014

The Guy, Destroy or Buy

Good morning!
Today BJP is ought to become the Single Largest Party.
This was final during the days when instead of putting control on Scam, Corruption and Inflation, Congress itself started to get invlolved in scams, corruption and price rise.
Becaue of lack of alternatives, we Indian vote to REJECT. This time it was "Anyone but Congress"! BJP could have been Largest party in the leadership of any leader this time.
Identifying trend and using them for benefit is one of the qualities of a good businessman, here Modi is best.

Today's day is important for Modi as one of these may come to him: "The Guy, Destroy or Buy". Either he will be the guy, in case voters might have believed in his "Achche Din Aane Waale hai" advertisements on TV, Newspapers, FM on which Trillions spent for campaigning and advertisements. Trillions, yes you heard it right!
Otherwise all his opponents will try their level best to destroy him and bring him down. Or his sponsors will again spend billions to buy MPs in favour of him. Money talks!

Aam Aadmi Party too is bound to bite dust. If they could have contested on fifty seats, they might have won forty. The stupid decision to contest on five hundred seats may restrict them in single digit. This blunder have wasted effort and money of million volunteers and donators.
If they will keep committing such mistakes, people will soon stop supporting them.

Who ever makes government, be ready of consistent price rise, corruption and scams! Still, love India and hope for better tomorrow!

All the best!

आज मोदी आर या पार या व्यापार

शुभ प्रभात!
आज बीजेपी का सबसे बड़ी दल अर्थात सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनना तय है। ये तभी से तय होना शुरू गया था जब कांग्रेस में बैठे लोग ही भ्रष्टाचार एवं महंगाई को कंट्रोल करने के बदले स्वयं घोटाले करने लगे।
विकल्प के अभाव में हम भारतीय वोट ऑफ़ रिजेक्शन अर्थात "फलां नहीं जीते" नीति अपना कर वोट करते हैं। सो इस बार "कोई जीते, कांग्रेस नहीं" की लहर चल रही थी।
इस वर्ष कोई भी बीजेपी वाला होता तो भी बीजेपी का सबसे बड़ी दल बनना तय था। लहर को भुनाना अच्छे व्यवसायी की पहचान है, और मोदी पार्टी में बाजी मार ले गए ।

आज का दिन मोदी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज वो आर या पार या व्यापार!
भोली जनता उनके लाखो करोड़ के विज्ञापन द्वारा प्रचारित "अच्छे दिन आने वाले हैं" में भरोसा रख उन्हें स्पष्ट बहुमत दे सकती है!
ऐसा नहीं हो सका तो उन्होंने जिन जिन को नाराज किया है वो उन्हें कही का नहीं रखने की पूरी कोशिश करेंगे। हालाँकि मोदी के जिन स्पॉन्सरों ने पैसे पानी की तरह खर्च किया है वो सांसदों का ईमान खरीद मोदी को सपोर्ट करवाने की पूरी कोशिश करेंगे। सच है पैसा बोलता है!

आम आदमी पार्टी को भी अपना औकात आज पता चल जायेगा। यदि वो पचास सीट पर लड़ते तो शायद चालीस सीट जीत जाते। किन्तु पांच सौ सीट पर लड़ने की मूर्खतापूर्ण निर्णय के कारण सिंगल डिजिट में ही रह जायेगी। इस निर्णय ने करोड़ो वालंटियर्स लाखो डोनटर्स का समय एवं पैसा बर्बाद किया है और लोग बार बार ऐसा करने से हिचकेंगे।
उसे याद रखना पड़ेगा "समय पाई तरुवर फले, केतक सिंचों नीर", अत्यधिक खाद और कार्बाइड के चक्कर में नुकसान सेहत को ही होता है।

जिसकी सरकार बने, हम महँगाई एवं भ्रष्टाचार पर कंट्रोल की न रखें तो अच्छा क्योंकि ये होने से रहा। फिर भी भारत हमको भी प्यारा है!

शुभकामना दोस्तों!

Saturday, April 5, 2014

frequent annoying recurring advertisements

Now BJP should change its name to Modi Bhakt Party (MBP). In the frequent annoying recurring advertisements now a days the stress is on MODI Sarkar instead of BJP sarkaar. Never saw such obsession with individual leader by any party. By the way what might be the cost of advertisements? If it is 3 Crore for a 10 second ad in a T20 match and they so 40 times, it will be 120 Crore. for 20 matches it will be 1200 Crore. On 10 TV channels, 100 times a day for 30 days at rate of 3 Crore per 10 ad, the cost will be 10 x 100 x 30 x 3 = 90,000 crores. Who is paying this money? http://www.digitalimpulse.in/insights/television-advertising-in-india
Feku Feko Faking! Nautanki sunane mein achcha lagta hai! Sune aur hanse! https://www.youtube.com/watch?v=1wvvAv2wQ9o
http://archive.indianexpress.com/news/the-modi-machine-makeover-gurus/1184809/
http://social.ndtv.com/truthvshype/permalink/118646
http://greatgameindia.wordpress.com/2013/04/16/mechanics-of-narendra-modis-pr-agency-apco-worldwide-orchestrating-our-future/
http://indiatoday.intoday.in/story/narendra-modi-gujarat-government-american-firm/1/179353.html
http://www.india.com/loudspeaker/arvind-kejriwal-is-right-narendra-modi-is-gujarats-biggest-public-relations-con-job-of-our-time-21374/
https://www.youtube.com/user/rakeshfilms?feature=watch

Tuesday, March 25, 2014

पांच साल कहाँ थे

घर जला के पूछते हो, के हाल कैसा है,
मासूम से जालिम, ये सवाल कैसा है?
पांच साल कहाँ थे, जो अब आये पूछने,
और पूछते हो मन में, ये मलाल कैसा है?

हर जगह करें घोटालें, कोयले से खेल तक,
नेता बाबू माफिओं का, ये जंजाल ऐसा है.
खोयी चौबन्नी अठन्नी, डूबी है रुपैया भी,
मुद्रास्फीति का दशको से ये कमाल कैसा है?

परिवार आठ लोगों का, पिता ने पांच हजार में चलाया
पूछे लाखों तुम कमाते हो, फिर ये तंग हाल कैसा है?
मैं खुद से पूछता हुँ, ढाई लोगो की है मेरी फैमिली
पर पैसा कैसे कहाँ बह जाता है, ये गोलमाल कैसा है?

खाँस दे जो अडानी, तो संसद में छाती चुप्पी
एक शब्द भी नेता कहे, ये मज़ाल कैसा है?
अम्बानी पे उठी ऊँगली, तो एक हो गए सब
भौंहें चढ़ा के पूछते हैं, ये बवाल कैसा है?

खीर न बनाना, अच्छे कपड़े भी ना पहनना,
बहन बीबी बेटी छुपाना, क्या बुरी नजर का,
चुनाव का मौसम है, नेता घर आ धमकते हैं,
पूछ बैठे कही कि वो लेडीज रूमाल कैसा है?

जेबे खाली रखना, टीवी फ्रीज़ भी ढँके रखना,
बटुवें में बिल और कागज, ठूंस के न रखना
कही टैक्स फिर ना बढ़ा दे, ये सोच के कि है कम
नहीं तो हर बटुवे में इतना, मोटा माल कैसा है?

उपरवाला भी डरता है इसलिए नीचे न उतरता है
ईश्वर भी फँस के तड़पे सोचे ये जाल कैसा है?
तुम भी कुछ न पूछना और नजरे नीची रखना,
भगवान हैं वो उनके आगे, ये लोकपाल कैसा है?

- अमिताभ रंजन झा

भूले कभी न भूला मेरे जीवन का वो जुम्मा

भूले कभी न भूला मेरे जीवन का वो जुम्मा
दायें हाथ पे मेरे लिया था तुमने एक चुम्मा

उस दिन तुम थी मैं था और थी बस तन्हाई
मैं भी था शरमाया और तुम भी थी सकुचाई
बिजली सी थी कौंधी धड़कन ने दौड़ लगाई
भींगे होठों से तुमने मेरे हाथ पे छाप लगाई

भूले कभी न भूला मेरे जीवन का वो जुम्मा
दायें हाथ पे मेरे लिया था तुमने एक चुम्मा

सोचूँ अब भी जब मैं दिल बेक़रार हो जाता
आँखें मूँद के अपने मैं फलैश बैक में जाता
नसों में लहू थम जाती मन बेचैन हो जाता
इस अजीब नशे में मैं खोया डूबा रह जाता

भूले कभी न भूला मेरे जीवन का वो जुम्मा
दायें हाथ पे मेरे लिया था तुमने एक चुम्मा

देख मुझे इस हालत में बीबी से रहा न जाता
पूछे ऐसे क्यों खोये हो क्या तुमको हो जाता
इस दिल में राज छुपा हैं उसे कैसे मैं बताता
इश्क़ पे बस न किसी का कैसे उसे समझाता

भूले कभी न भूला मेरे जीवन का वो जुम्मा
दायें हाथ पे मेरे लिया था तुमने एक चुम्मा

- अमिताभ रंजन झा



Tuesday, March 18, 2014

व्यंग: तू पी एम् की औलाद है पी एम् बनेगा।


मैंने विश्व के महानायक निरंतर गोदीजी के बारे में लिखा था व्यंग: दूध दुहने का प्रतियोगिता में। गोदीजी लगातार चर्चा में बने रहते हैं। आजकल झूलन आसन के द्वारा गोदीजी को ईमानदार बताना काफी चर्चा में हैं। झूलन आसन बचपन में झूला के आसन में बैठ कर झूलते रहते थे सो उनका नाम ही पर गया झूलन आसन। बड़े हुए तो एक वेबसाइट बनाया। नाम नहीं फुरा रहा था तो याद आया उनके अंगना में बौकी नाम की सेवक थी जिसके बाल में ढील और लीख भरा रहता था सो साईट का नाम रख दिए बौकीलीख। झूलन गोदीजी की बड़ाई तो कर दिए पर उनको गोदीजी के राज्य में एक हजार एकड़ मनचाहा जमीन नहीं दिया गया तो वो गोदीजी के बड़ाई के बयान से मुकड़ गए।

उधर रहल गंदे सदमे से बौरा गए। कहते फिरते हम लोग दू सौ से ज्यादा सीट लेंगे। फ्लाइट में जाते तो २०० सीट बुक कर लेते हैं, आई पी एल देखने जाते तो २०० सीट बुक कर लेते। बोलते जहाँ जायेंगे २०० सीट लेंगे कम से कम। सदमा का कारण मत पूछिए। उनकी विश्व के सबसे शक्तिशाली महिला में से एक किन्तु दुखिया विधवा माई ने मौनमहिन को पी एम् बना दिया। मौन जी मौन रहते थे और महीन से स्वभाव से सो नाम पद गया मौनमहिन। मौन जी ने टीम में कूलमाडी, राजन जैसे धुरंधरो को शामिल कर लिए, ऐसे धुरंधर की बालू से भी तेल निकाल ले। इन लोगो से कोयला, टेलिकॉम, कमनवेल्थ गेम्स इत्यादि हर क्षेत्र में में मुँह काला किया। परिणाम ये हुआ की पार्टी अंदर इन शत्रुओ से कही भी मुंह दिखाने के काबिल नहीं रही। रहल गंदे जी का पी एम् होने का खवाब टूट गया। सदमा छोटा नहीं था सो वो भी जिन्नावानी की तरह पी एम् नहीं बनाने के शॉक से बौरा गए। दिली जितने पर हरमन केजड़ेबाल अलग बौरा गए, आनन् फानन में आसपास के चापलूस लोग कह दिए हवा है, लहर है, सब सीट पर उम्मीदवार खड़ा कर दीजिये। सीट बाँट दिया गया है, पर उम्मीदवारों को फण्ड के नाम पर झाबाबा का ठुल्लु दे दिया गया है। गरीब और माध्यम वर्ग के लोग बेटी की शादी का पूँजी और जीवन भर का जमा, खानदानी जमीन बेच कर कंगाल हो चुके हैं और अभी और बदहाली बाकी है। हमको भी टिकट लेने को दोस्तों ने कहा, हम हँसे, उ पार्टी में एम् पी बन के का करेंगे जहां न बत्ती मिलेगा ना हरयाली?

इधर कुछ दिन पहले गोदीजी साहब महिला जासूसी योजना के कारण चर्चा में थे। रहल गंदे को एक रात नींद नहीं आ रही थी। सोते थे लगता था कुर्सी जा रही है, उठ जाते। सो फिर उठ गए। सामने दीवाल पर निरंतर गोदी और उनके अंतरंग मित्र गोमुख साह का फोटू लगाये थे। डार्ट उठाया और उन दोनों के फोटू पर चलाने लगे। एफएम चलाया गाना आ रहा था आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ। रहलजी का माथा ठनका। लैपटॉप उठाया गूगल करने लगे एक एक पिक्चर दोनों का छान लिया। संजोग से गोमुख के इंटरनल पिकासा फोटू अकॉउंट में एक्सेस हो गया। देखा दोनों का आपत्तिजनक फोटू। पाया कि गोदी जी और गोमुख जी तो 'वो' हैं। तो रहल गंदे के जासूसी दिमाग के कीड़े ने पुछा ये वो हैं तो महिला जासूसी किसके लिए कर रहे हैं और ये साहब कौन हैं? तभी रहल जी को बौकीलीख से ट्वीट आ गया कि गोदीजी वीसा चाहते हैं, सो जासूसी खुराक देदेमा जी के लिए करवा रहे हैं। देदेमा जी ही साहब है और इस करतूत का पता देदेमा जी की पत्नी को चल गया है और दोनों अलग रह रहे हैं। रहल गंदे पसीने पसीने होने लगे और चिल्लाने लगे देदेमा साहब है देदेमा साहब है। माई दौड़ के आयी, कलेजे से लगायी बोली, फिर बुरा सपना देखा होगा, और २०० सीट दिलाने का भरोसा देने लगी। ऍफ़ एम् पर गाना आ रहा था तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा तू पी एम् की औलाद है पी एम् बनेगा। रहल फिर सपनाने लगे, ख्याल आया कि गोदीजी का सीना अब तक छप्पन इंच का क्यों हो गया? तो फिर बौकीलीख के ट्वीट में पाया कि गोमुख जी को ५६ इंच का सीना पसंद है तो गोदीजी सिलिकॉन पैड प्लांट करवा के छब्बीस इंच का सीना छप्पन इंच के लिए करवा लिए। ऍफ़ एम् पर गाना आ रहा था इश्क़ ने नचाया ता थय्या थय्या।

- अमिताभ रंजन झा

Sunday, March 16, 2014

जोगीरा सारा रा रा - मुबारक़ होली


कांग्रेस भाजपा राजद जदयू बोले एक ही बोली
आम आदमी को नोच लूट के भरो अपनी झोली
बोल जोगीरा सारा रा रा जोगीरा सारा रा रा
सारा रा रा रा रा जोगीरा सारा रा रा रा रा

भ्रष्ट बाहुबली के टिकट उ बांटे वोट में चल्हियें गोली
भय सदमा से सिकुड़ल घर में जनता ऐसी भोली
बोल जोगीरा सारा रा रा जोगीरा सारा रा रा
सारा रा रा रा रा जोगीरा सारा रा रा रा रा

चोर उचक्कन के जाये ज़माना जनता आँख है खोली
स्वार्थी लूटेरा नेतन के अब कुर्सी भूकम्प से डोली
बोल जोगीरा सारा रा रा जोगीरा सारा रा रा
सारा रा रा रा रा जोगीरा सारा रा रा रा रा

पकड़ पकड़ के मुँह हो काला गद्दारों की अबकी होली
पहन बसंती चोला टोपी निकलल आम लोग की टोली
बोल जोगीरा सारा रा रा जोगीरा सारा रा रा
सारा रा रा रा रा जोगीरा सारा रा रा रा रा

जोगीरा सारा रा रा - मुबारक़ होली
आप बिहार के लिए दान करे इस होली

- अमिताभ झा


Saturday, March 15, 2014

AAP Candidates from Bihar

Below are the AAP candidates from Bihar. If you know any negative aspects like involvements in Criminal, illegal, unethical activities then please goto http://ecourts.gov.in/services/cases/case_no.php. Select the state as Bihar and District as Katihar and other information for case against him in court. Please share the info here and report to AAPLS2014@GMAIL.COM. That way we can have authenticated information from Official court website.

1 Bihar Darbhanga Dr Prabhat Ranjan Das
2 Bihar BANKA Neeraj Kumar
3 Bihar Buxar Dr. Shweta Pathak
4 Bihar Katihar Victor Jha
5 Bihar Khagaria Dr. Swami Vivekanand
6 Bihar Kishanganj Alimuddin Ansari
7 Bihar Madhubani Irshad
8 Bihar Munger Sandeep Kumar
9 Bihar Sasaram (SC) Geeta Arya

Dr. Prabhat Ranjan Das - A medical doctor by profession. He's an MBBS, MD, PhD, worked for a long time in New York and New Jersey, while working in the USA, a regular visitor to Darbhanga for social causes, used to contribute a fixed portion of his income to social causes, helped in establishing more than 300 village libraries, his own-funded NGO organises training programs for students and teachers, settled in Darbhanga for the last 2 years engaged in social work, active supporter of Anna movement and AAP activities.

Neeraj Kumar- He is 45 years of age and full time social worker .He contested Banka loksabha constituency after Death of late Sh. Digvijay Singh in 2010.at that time he secured 35593 votes as a candidate of Rashtriya lok samta Party. He is actively involved an Anna Movement. He is multifaceted personality ,a singer and writer. He also wrote a song on AAP.

Dr. Shweta Pathak- Dr. Shweta Pathak: 33 years old. Unmarried. Private medical practitioner as physician in Buxar. Belongs to Landowning family: Executive member is doctor’s association and has organized health camps for poor in district. Participated in anna movment and has participated in various party activities. Good reputation in society.

Victor Jha- 35 years old, Activist, led Anna movement in Katihar district, very active in exposing corruption in multiple departments of the district administration, hospitals, etc., very active agitator and organiser and a good orator, and activist of considerable energy and courage

Dr. Swami Vivekanand- Associate Professor in private medical college in Katihar, associated with Anna movement from the very beginning, significant contribution to the movement at both regional and state levels, a good orator and organiser, established 150 bed hospital and paramedical and nursing training institute with people's cooperation, that is now a government recognised institute, very active in organising free medical camps, every Sunday personally spends the whole day in free medical consultations, socially active on public issues - recently organised huge agitation in support of temple devotees mowed down by a running train near Khagaria.

Alimuddin Ansari- Alimuddin Ansari, about 50 years old a close associate of socialist leader Surendra Mohan, a backward Ansari Muslim, Ansaris being the single largest Muslim group in both Kishanganj and most other Muslim concentrations of Bihar, organiser and leader of a very big agricultural workers organisation, a popular agitator and fighter on public issues, generally considered a voice of all oppressed people and not just as a Muslim leader.

Sandeep Kumar- Sandeep Kumar: 28 years old: Software engineer, worked in MNC in IT company for 2 years. Since then he has been active in social activities. He claims to be associated with Jan Lokpal movment since beginning in Delhi. He claims to have participated in Nirbhaya andolan and Bijli aandolan. He has organized 200 nukkar sabhas in his district. He has helped small entrepreneurs start businesses of their own and helped farmers get loan from banks. During Membership drive he made 12000 members for party and has 60 active volunteers with him.

Geeta Arya - About 60 years old. Began his career as a geography school teacher, 1980-84 worked in education section of Patna secretariat, 1984-2013 worked in police, known as an honest police officer who helped common people, inspired by Anna movement and AAP, now an active member of the party.

Irshad - Candidate from Madhubani. No information available. So if you know any information, please share.

Ref:
http://www.aamaadmiparty.org/5th-candidate-list-announced-2014-elections
http://www.aamaadmiparty.org/3rd-list-of-candidates-2014-elections


Sunday, March 9, 2014

हिंदी में टाइप

Type Hindi हिंदी में टाइप
Use google transliteration to type Hindi using English alphabets. GO to link and select Hindi instead of English in combo box and start typing. http://www.google.com/inputtools/try/

Sunday, February 23, 2014

गुजरात के गरीबो का सच


The divide between rich and poor is increasing in Gujrat. Rich growing richer and Poor becoming poorer. If soon corrective action will now be taken, people may be forced to revolt.
1. School Drop Out Ratio for class I - X is 62 % in Gujrat.
2. Only 8% Children can read English sentences in Gujrat.
3. 60 % houses use Firewood, Crop Residue, Cow dung cake, Coal, Kerosene for cooking in Gujrat.
4. 43% Houses doesn't have toilet in Gujrat.
5. 44% Houses have only One room Just one room, not 1 BHK in Gujrat.
6. 45% Children are without complete immunization in Gujrat.
7. People earning 11 Rs a day are not poor in Gujrat.
8. BJP got less number of seats and less vote in last assembly election in Gujrat.
Source 1-6 Planning Commision Report 2013.

गुजरात के गरीबो का सच:
प्लानिंग कमिसन रिपोर्ट २०१३ बताता है कि किस तरह गुजरात में अमीर और ग़रीब का विभाजन बढ़ रहा है. यदि समय रहते एन गरीब लोगो के लिए कुछ नहीं किया जायेगा जो जल्दी ही वो लोग क्रांति और विद्रोह के लिए मजबूर हो जायेंगे। प्रस्तुत है गुजरात के गरीबो के कुछ सच:
१. गुजरात में दसवीं तक विद्यार्थी ६२% विद्यालय छोड़ देते हैं, क्यों? शायद अमीरों को सस्ते मजदुर चाहिए? और राजनीतिज्ञों को नामसमझ लोग?
२. गुजरात में सिर्फ ८% बच्चे अंग्रेजी के वाक्य पढ़ सकते हैं, क्यों? अंग्रेजी से लोगो को अच्छे जॉब मिल जायेंगे तो मजदूरी कौन करेगा?३. गुजरात में अभी भी ६०% घरों में जलावन के लिए लकड़ी, गोबर गोयठा, किरासन तेल, गुल, कोयला का इस्तेमाल करते हैं, क्यों? रिलायंस पेट्रोलियम के गैस के दाम बढ़ने से कुकिंग गैस इन लोगो के लिए और स्वप्न हो जायेगा।
४. गुजरात में अभी भी ४३% घर में शौचालय नहीं है, क्यों? ये सरकार की संवेदनहीनता नहीं तो और क्या है?५. गुजरात में अभी भी ४४% घर एक कमरे के हैं, क्यों? ये सिर्फ एक कमरे के घर हैं, बिना शौचालय और किचन के.
६. गुजरात में अभी भी ४५% बच्चों को ठीक तरह से टीके नहीं दिए जाते जिससे बच्चों के जीवन पर बिमारियों का खतरा बना रहता है. क्यों?७. गुजरात में ११ रूपये कमाने वाल गरीब नहीं है. क्यों?
८. पिछले विधानसभा इलेक्शन में बी जे पी को २ सीटो का नुक्सान हुआ है, पिछले विधानसभा इलेक्शन में वोट शेयर घटा है. क्यों?



Saturday, February 22, 2014

चलो झाड़ू चलाते हैं

अंग्रेज राज छूटा
पर अपनों ने लूटा
पहने सफ़ेद चोली
आत्मा किन्तु मैली
करतूते उनकी काली
चलो गन्दगी भगाते हैं, चलो झाड़ू चलाते हैं.

देखने में इंसान हैं
पर दिल से हैवान हैं
कर्म से शैतान हैं
पैदाइशी बईमान है
आम आदमी का फरमान अब
चलो उनका नामो निशां मिटाते हैं, चलो झाड़ू चलाते हैं.

जीवन घना अँधेरा
दूर है सवेरा
गरीबी डाले डेरा
भ्रष्टाचार का बसेरा
महंगाई ने है घेरा
फिर भी चलो मुस्कराते हैं, चलो झाड़ू चलाते हैं.

अँधेरा बीत जायेगी
नयी सुबह आएगी
गरीबी चल बसेगी
भ्रष्टाचार न रहेगी
महंगाई न चूसेगी
चलो सपने सजाते हैं, चलो झाड़ू चलाते हैं.

सरहद पर वीर लड़े
बाहर के दुश्मनों से,
हम जहा हैं वही से
भीतर के गद्दार भगाते हैं
देशभक्ति के गीत गुनगुनाते हैं
वतनपरस्ती की कसम खाते हैं, चलो झाड़ू लगाते हैं.


- अमिताभ रंजन झा

Sunday, February 9, 2014

The truth behind Developing Bihar


Every year Bihar Government releases its report card as itself being Examinee and Examiner. However independent evaluation reveal the misery of Bihar.

Bihar need to grow much faster as it is decades behind!

If you have to travel thousand miles you do not walk, you need FLY!

Please find the 101 facts below. #‎BiharKaSach‬

1. School Drop Out Ratio for class I - X is 77 % in Bihar. In ‪#‎DevelopedGujarat‬ it is 62%.
2. Only 31% Children can read English sentences in Bihar. #DevelopedGujarat has only 8 % such children.
3. 90 % houses use Firewood, Crop Residue, Cow dung cake, Coal, Kerosene for cooking. #DevelopedGujarat having 60% such houses.
4. 77% Houses in Bihar doesn't have toilet. 43% house in #DevelopedGujarat doesn't have toilet.
5. 48 % House in Bihar have only One room. Just one room, not 1 BHK. Gujaraat is not behind with 44% such houses.
6. 59% Children in Bihar are without complete immunization. In #DevelopedGujarat 45% such children.
7. Sushil Modi's letter of appreciation for Government of Bihar in 2013.
8. Less than 1% house have internet connection.
9. Per Capita Net State Domestic Product is one of the lowest in India
10. 32% house ROOF made from Grass, Bamboo, Wood, Mud, Polythene
11. 47% House WALL made from Grass, Bamboo, Wood, Mud, Polythene
12. 33% House have six to eight members
13. 82% Hose use Kerosene oil for lighting
14. 88% Population live in Rural area and villages
15. Agriculture growth has been unpredictable, have drastic increase or decrease.
16. Electricity Availability is one of the lowest in India and Transmission and Distribution load is 46% i.e. half of the available electricity get wasted on the way.
17. Installed capacity for Power is one of the lowest. Even after a decade of partition, Capacity is 25% of what used to be in united Bihar.
18. Power tariff for Industry is on the higher side at Rs 5.45/KwH.
19. Though population is increasing and so is demand of food, the Employment is agriculture is decreased from 21.3 Million in 2004-2005 to 17.2 Million in 2009-2010
20. Fiscal deficit is increasing.
21. 60% Birth happens outside hospital and without proper medical attention
22. Only 33% children can read English sentences
23. There are only 10 Engineering college
24. Only 4.4 % house have tap water
25. 45% House does not have drinking water facility in house
26. Only 8% Plant Load Factor for Thermal Plants
27. 55% Population is Below Poverty Line
28. Sex ratio is decreasing
29. Population is one of the highest at over 10 Crore
30. Growth rate of Manufacture sector GDP os unpredictable as well.
31. CD ratio is lowest in country at 39%
32. Bihar has 9.1% of all PACS in India out of which almost 50% running in loss.
33. Total deposits of all PACS in Bihar is 175 Crore and borrowings 501 Crore, lowest in India
34. SHG coverage of rural households is only 54% and outstanding loans 1040 Crore
35. Unplanned expenditure is 1.6 times of Planned expenditure at Rs 37,172 Crore.
36. GFD is expected to rise to 7569 Crore from 5915 Crore
37. Outstanding Debt had increased to 60,551 Crore
38. Still 50% farmers rely on Monsoon and Flood or draught often causes serious damage to crop. A proposed canal can solve this issue permanently.
39. Cropping density, Forests are and non-agricultural use is constant and net cultivated area decreased to 57%
40. Per capita income is still 42% of all India average
41. Agricultural and Animal husbandry recorded substantial decrease in GSDP share.
43. Per capita income of Sheohar is RS 5522 i.e. not even Rs 500 per month
44. Bhagalpur considered as one of the most prosperous district in Bihar with per capita income of Rs 14,396 i.e. Person earning RS 1220 per month considered as PROSPEROUS.
45. Bihar only uses half of it irrigation potential
46. Per capita energy consumption in Bihar is 117 unit which is 14% of national average
47. BSEB suffering huge loss which is increasing every year
48. No additional National Highway length constructed in last fiscal
49. Only 1% State Highways have four lanes. Most are double or single lane.
50. Majority of rural roads are unpaved.
51. Out of 28 Sugar mills only 10 are working. During 1950 decade Bihar has 33 sugar mills out of 56 in India and Bihar was called Sugar bowl o f India.
52. Industrial growth rate is much behind the developed states
53. Migration for education and job is still at large
54. The state capital Patna lacks town planning, roads, drinking water, sewage lines, sanitation, local transport etc. A light rain submerges every Gully and Mohalla which lasts for month, stinking and spreading diseases. Forget other towns and rural areas.
55. People are forced to travel like cattles and jute bags in intercity public transports.
56. Healthcare facility is still a nightmare
57. Silk/Power/Chemical/Leather/Garment industries have negligible presence.
58. The flagship Industries and Houses of Bihar like Rayyma Sugar Mill, Ahsok Paper Mill, Dalmia Paper Mill and Cement Industry, Bihar Scooter, IDPL, Aryavarta are history. Existing industries like Barauni Refinery are in sick condition.
59. Fertile Land has been acquired from poor farmers with intention to allocate to Industrialists and Investors. The same land has been allocated to Keith and Kins of Ministers and Bureaucrats by BIADA in the significant Land scam.
60. Bihar is still dreaming to make itself a IT outsourcing destination though it has potential to become most sought outsourcing destination.
61. Corruption is evenly distributed and religiously practiced in each and every department in rural and urban area.
62. Nobody knows what happen to the 11,412 Crore fraudulent withdrawal from Bihar Treasury in which big names like Nitish Kumar, Shushil Modi and Nand Kishore Yadav made accused. This scam is 11 times of the Fodder scam by Lalu Prasad Yadav and Jagannath Mishra.
63. Demand of special status for Bihar seems eyewash. When Jharkhand separated during Bifurcation for Bihar, Bihar Assembly sought a rehabilitation package of Rs 1.79 lakh crore and waiver of loans of over Rs 30,000 crore. The demand was rejected by the BJP led NDA government in which many ministers including Nitish Kumar were from Bihar. Jhankhand got all mineral rich and industrial areas and Bihar got the flood/draught hit areas and liabilities.
64. Every Political Party have cordial relationship with strongmen/criminal turned politicians.
65. RS 6000 Crore scam is suspected in MNREGA scheme in Bihar.
66. NHRM scam like in UP is suspected in Bihar as well.
67. JDU MLA sent to jail in Sand Scam.
68. Media is being bribed by advertisements and they return the favour by keeping mum on scam, administration and other trivial issues. IN 2011 it was reported that the state government has given as much as Rs 28.47 crore in the form of advertisements to newspapers and television channels. The figure is much higher than the earlier years.
69. A Uterus scam on the name of 5500 patients has been reported.
70. World Bank not satisfied with work on Kosi flood recovery project.


JDU, BJP, RJD, LDP, Congress and LEFT - Together they have made the Prosperous and developed Bihar into Pitiful and staggering Bihar.


PACS - Primary Agriculture Credit Societies
CD Ratio - Credit Deposit Ratio
SHG - Self-help Group
GFD- Gross Fiscal Deficit
GSDP - Gross State Domestic Products

BiharKaSach Continues in Hindi:

#‎BiharKaSach‬

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71. लालू शासन के भ्रष्ट एवं अन्धकरमय पंद्रह साल से कौन परिचित नहीं है? अभी भी सोच के मन दहल उठ जाता है. शाम या रात तो क्या दिन में भी निकलना असुरक्षित था. जहा दूसरे राज्य सूचना तकनीक, आउटसोर्सिंग, ग्लोबलाइजेशन, लिब्रलाइजेशन के बल पर आगे बढ़ रहे थे, बिहार पीछे जा रहा था.
एक समय था जब बिहार की स्तिथि बद से बदतर होते होते सोमालिया जैसी हो चुकी थी. लोगो ने नितीश को चुना. बिहार की गाड़ी चल पड़ी. हर तरफ विकास दिखने लगा. अगले चुनाव ने नितीश ने आह्वान किया 'निर्माण या विध्वंश, आपके हाथ में है'. जनता ने सर्वमत से निर्माण को चुना. विकास यात्रा जारी है. राज्य सरकार के आंकड़े कम से कम ये ही बताते हैं. इन्टरनेट, टेलीविजन छोड़िये, पटना के मुख्य मार्ग से उतर कर देखिये, सरकारी कार्यालयों में बिना किसी पैरवी के जा के देखिये, गावं जा कर देखिये. जो दीखता है वो होता नहीं. जा कर देखिये कीचड़ और गन्दगी. लोग आदि हो चुके हैं. उन्हें कोई शिकायत नहीं. क्या विकास इसी को कहते है?

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72. आँख मूंद कर विश्वास न कीजिये, बल्कि आत्ममंथन कीजिये. समृद्ध बिहार का स्वप्न आपका भी है और मेरा भी. अपने गावं में पूछिए, गावं का स्कूल कब शुरू था, स्कूल में कितने कमरे हैं और कितने बच्चे. शिक्षा कैसी हो रही है. चिकित्सा का क्या हाल है? बाढ़ का क्या हाल है? आप जानने की कोशिश कीजिये रोजगार, खेती का क्या हाल है? शहरों में अपने दोस्तों से पूछे उनके आस पास सड़क, नाले की क्या स्तिथि है, सड़क के लाइट काम कर रहे या नहीं. क्या यही है विकास?

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73. मेरा जन्म हस्पताल जाते वक्त रास्ते में ही बैलगाड़ी में हो गया, गांव में हस्पताल नहीं था. बहुत लोग ये सुन कर हँसते हैं, पर ये सत्य है. हास्यास्पद बात ये है कि ३ दशक से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी वहा कुछ जयादा बदलाव नहीं आया है. आज 30 वर्षों के बाद भी क्या मेरे गांव में मूलभूत सुविधायों में परिवर्तन आया है? अभी भी अस्पताल कोसो दूर है। दो कमरे के स्कूल मे 100 बच्चे जमीन पर। सोचने का विषय है. ये हालत लगभग हर गांव की है.

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74. माल एवं शौपिंग काम्प्लेक्स बनते जा रहे हैं किन्तु पार्किंग का कोई प्रावधान नहीं है. कार पार्क करते वक़्त ध्यान रखिये, दो मिनट क्या रुके, सजग सिपाही आपको कानून के उल्लंघन के जुर्म में पिली पर्ची थमा जायेंगे. आपको ट्राफिक थाने में जाकर दंड चुकाना होगा एवं गाड़ी के सारे कागजात दिखने होंगे. यहाँ पुलिसिया हथकंडा ये है कि उस पर्ची पर मालिक या चालक का नाम न लिख सिपाही "A" लिखेंगे जिसका अर्थ हैं अनुपस्थित. यदि आप गाड़ी नो पार्किंग में रोकते हैं और पिली पर्ची में नाम लिखा हो तो दंड होगा १०० रूपये. यदि नाम के स्थान पर अनुपस्थित लिखा हो तो दंड होगा ६०० रूपये. यदि आप ट्राफिक थाने में कार के सारे कागजात न दिखा पाए तो बाबु दुह्बाने के लिए तैयार रहिये.

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75. विकास दर एक छलावा है. यदि प्रति व्यक्ति आय १०० रूपये प्रति माह से बढ़ कर ५०० हो जाये तो दर ४०० प्रतिशत होगा. सो विकास दर पर मत जाइये. राज्य के प्रति व्यक्ति आय की तुलना दुसरे राज्यों से कीजिये पता चलेगा बिहार कहा है. यदि आपके पास बहुत समय है तो दुसरे आंकड़ो की भी तुलना कर सकते है रिज़र्व बैंक साईट पर. प्रश्न ये है कि ५०० रूपये प्रति माह घर चलाने के लिए काफी है? ये आधी आबादी का सच है.

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76. बाढ़, बिजली, भ्रष्ट्राचार जैसी पुरातन समस्याओं की स्तिथि यथावत है. कलाम साहब नालंदा विश्वविद्यालय योजना से कट चुके हैं. कार्य ऐसे कच्छप गति से होती है कि एक आई टी पालिसी बनाने में छह साल लग गए. जब आउटसोर्सिंग भारत में चरम पर पहुँच कर अभी मंदी का शिकार होने लगी है, बिहार सरकार अभी भी सपना रही है. उधर लाखों बिहारी दुनिया के कोने कोने में आई टी क्षेत्र में लोहा मनवा रहे हैं और वह के अर्थव्यथा एवं उन्नति में अपना योगदान दे रहे हैं. डपोरशंखी नेता योजनाओं कि घोषणा करते हैं जो कभी पूरा नहीं हो पाता। प्रोजेक्ट्स स्टेटस रिपोर्ट्स शेयर करना उचित नहीं समझा जाता।

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77. बाढ़
सालों से चली आयी बाढ़ की समस्या से किसान परेशान हैं कर्ज में डूबे है, खेत बेच रहे हैं या बेच चुके है, भुखमरी के शिकार हो रहे हैं नेपाल से आने वाली नदियों के प्रकोप से हम हमेशा से पीड़ित रहे है हमरे नेता अभी तक इस समस्या का समाधन नहीं कर पाए हैं सिर्फ बात हो रही हैं, प्रयास हो रहे हैं, नतीजा शुन्य रहा है. बिहार रिवाइवल फोरम और अब्दुल कलाम द्वारा नेपाल सीमा के निकट किशनगंज से चम्पारण तक ३५६ किलोमीटर प्रस्तावित नहर बनाकर पन-बिजली उत्पादन से प्रचूर बिजली उत्पादित की जा सकती है. ये नहर नेपाल जनित नदियों गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कोशी, कमला, महानंदा के बाढ़ से रक्षा तो करेंगी ही, साथ में कृषि एवं औद्योगिक क्रांति ला सकती है.

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78. शिक्षा और पलायन
प्रदेश में शिक्षा एवं उच्च शिक्षा संस्थानों का आभाव है गावों में दो कमरे के स्कूल में २०० बच्चें पढ़ रहे है, शहरों में स्तिथि अलग नहीं है इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज के अभाव में, युवा जो प्रदेश की तकदीर बदल सकते हैं, बाहर जा रहे हैं. यदि प्रदेश में उनकी पढाई होती तो खर्चा १ लाख आता, बाहर १० लाख आता है, ५० लाख आता है. ये खर्च, बच्चों के माता पिता जमीन बेच कर, गहने गिरवी रख कर, भारी कर्ज ले कर, पेट काट कर उठा रहे हैं. वो क्या करें बच्चों के भविष्य का सवाल है. बिहार का पैसा बाहर खर्च हो रहा है।

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79. बेरोजगारी और पलायन
जो प्रदेश में पढ़े, या काम पढ़े, या पढ़ ही नहीं पाए, वो नौकरी के लिए, मजदूरी के लिए बाहर जा रहे हैं. वो दिल्ली, कलकत्ता, बम्बई, मद्रास जा रहे हैं, पंजाब, असाम, दक्षिण भारत जा रहे हैं. प्रदेश की जनता, कोशी के बाढ़ की तरह जिधर दिशा मिले बहती जा रही है. बाहर हमारा स्वागत नहीं होता, फजीहत होती है, शोषण होता है. गरीब या अमीर, शिक्षित या अशिक्षित, सबका एक जैसा हाल है. घर परिवार से दूर रहना, माता-पिता, बीबी-बच्चों से दूर रहना जैसे सबकी की नियति हो गयी है. आजकल स्तिथि और भयानक होती जा रही है जो बाहर हैं वो हिंसा एवं दुर्व्यहार का शिकार हो रहे हैं कितने कत्ल हो रहे हैं.

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80. प्रदेश में बिजली की समस्या बरक़रार है, ज्यादातर गावों में अधिकांशतः बिजली नहीं रहती है, शहरों का हाल अलग नहीं है. बहुत सारे गांवों लोग अभी भी डिबिया और मशाल युग में जी रहे हैं। बिहार रिवाइवल फोरम और अब्दुल कलाम द्वारा नेपाल सीमा के निकट ३५६ किलोमीटर प्रस्तावित नहर बनाकर पन-बिजली उत्पादन से प्रचूर बिजली उत्पादित की जा सकती है.

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81. मूख्य मार्ग से ऊतरते देखिये अभी भी सड़को का अभाव है, पुलों का अभाव है. कही सडको में गड्ढे है कही गड्ढों की बीच सड़क है. विदेशो मे सङक सालोसाल चलती है यहा महीना भी नही। लगातार सङक के ऊपर सङक बनने से लाखो घर धंस गये है और जलजमाव से त्रस्त है। टाऊन प्लानिन्ग क्या है किसी को नही मालूम। एक बारिश शहर को तालाब बना देती है। गांव की हालत मत पूछिए

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82. परिवहन व्यवस्था की हालत भी दयनीय है. लोग गाय भैंस और बोरियो कि तरह ठूस कर, खड़े हो कर, उपर नीचे बैठ के सफ़र करने को मजबूर हैं. शहर-गांव-गांव-शहर स्तर पर परिवहन व्यस्था एक सपना है जो कोई देखता भी नहीं। निजी वाहन लोगो का शोषण ही करती हैं और दयनीय अवस्था में रहती हैं.

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83. उद्योगीकरण और विकास के नाम पर किसानो से जमीन ले कर सरकार के नेता और अधिकारी लोगो ने अपने दलाल, रिश्तेदार और मित्रो को बाँट दिया है. बिहार से सस्ता जमीन हर विकसित राज्य में मिल जाएगा, फिर कोई निवेशक अविकसित बिहार क्यों आएगा?

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84. अमीर गरीब हो रहे है एवं गरीब और गरीब. इस बेरोजगारी, अशिक्षा एवं बदहाली के माहौल ने जनम दिया है अपहरण एवं वशुली उद्योग, फिर से उठने लगे हैं. दिशाहीन युवा रातो रात लखपति बनाने की चाह में भटक रहे हैं. अपराध और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. व्यवसायी, उद्योगपति आते हैं पर दलालो और भ्रष्ट व्यस्था को भांप वापस लौट जाते हैं. सत्ता के नेता, बाबू और दलाल उन्हें सोने कि मुर्गी और बली का बकरा समझ स्वागत करती है. कौन हैं इसके जिम्मेदार?

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85. आपके गांव में कितने तालाब हैं ? वो तालाब कितने पुराने हैं? हर गांव में अधिकांशतः तालाब सैकड़ो हजारो साल पहले बनाये गए थे. आबादी बढ़ी पर तालाब की संख्या नहीं। यही हाल सफाई, पेय जल और सिंचाई तंत्र का है. नहर, तालाब पोखर के रख रखाव के नाम पर घोटाले हो जाते हैं और निर्माण कागज पर होते हैं.

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86. बिहार में अत्याधिक जलक्षेत्र होने के बावजूद, बिहार मछली का आयात करता है

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87. अस्पताल, चिकित्सक एवं चिकित्सा केन्द्रों का अभाव है. लोग इलाज के लिए दर दर भटक रहे हैं. हर तरफ लम्बी कतार लगी है. कितने इलाज के अभाव में मौत का शिकार हो रहे हैं.

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88. बिहार के लिए विशेष दर्जा की मांग करने वाली सरकार उस समय ये बात भूल गयी थी जब बिहार का विभाजन हुआ था और केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व की सरकार थी. और नितीश कुमार सहित अनेक बिहारी उस मंत्रिमंडल में मंत्री थे. विकास कि राजनीती पर स्वार्थ की राजनीती हमेशा हावी रही है.

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89. मीडिया कैसी बिक गयी है इसका अंदाज़ लगाये कि २०११ के आस पास सिर्फ एक वर्ष में सरकार ने २८ करोड़ के विज्ञापन दिए जिसमे मुख्या थे हिंदुस्तान को १० करोड़, दैनिक जागरण को ५ करोड़, कौमी तंज़ीम को १ करोड़।

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90. नितीश कुमार जैसे महानेता को अनंत सिंह, अजय (कविता) सिंह एवं सुनील पाण्डेय जैसे महानायकों को साथ लेकर चलने की क्या वजह है? ये राजनीती मुझे समझ नहीं आती, आप बताये. ये गठबंधन स्वच्छ छवि के दावे पर दाग नहीं लगता? दबन्गो-दागदार लोग हर दल मे भङे है।

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91. बिहार में 11,412 कड़ोड़ घोटाला को आराम से पचाया जा रहा है. इसमे नितीश, शुशिल, नंदकिशोर के लिप्त होने की आशंका है। ये घोटाला लालू चारा घोटाला से ग्यारह गुना बड़ा है.

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92. सोशल मीडिया और बिहार की सत्‍ता : फेसबुक पर लिखने पर दो लेखक निलंबित हो जाते है।

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93. बिहार में 6000 करोड़ का मनरेगा घोटाला? बिहार में मनरेगा में 6000 करोड़ रुपये घपले का मामला सामने आया है। एनजीओ 'सेंटर फॉर इन्वायरमेंट एंड फूड सिक्योरिटी' ने दावा किया है कि फर्जी जॉब कार्ड और मास्टर रोल के जरिए कुछ लोगों ने सरकारी खजाने को करीब 6000 करोड़ का चूना लगाया है।

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94. बिहार: गर्भाशय घोटाला कांड में जांच शुरू राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत हुए इस घोटाले में समस्तीपुर जिले के निजी नर्सिंग होम संचालकों पर करीब 55 सौ मरीजों का गर्भाशय निकाले जाने के नाम पर बड़ी राशि का घोटाला करने का आरोप लगा है।

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95. सूचना अधिकार से प्राप्त दस्तावेज से यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि बिहार के इतिहास के पहले सरकारी खजाना घोटाले के अभियुक्तों की जब्त की गई सैकड़ों एकड़ जमीन के कागज़ात भूमाफियाओं ने गायब कर दिये हैं. लूट के इस खेल में बड़े नौकरशाहों से लेकर छोटे बाबू भी शामिल हैं पर कार्रवाई नदारद है.

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96. शिकायत करने गई महिला पर भड़के नीतीश उठते हैं http://khabar.ndtv.com/video/show/news/219889&cp

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97. १९५० के दशक में पूरे भारत में ५६ चीनी मिल थे उनमें से ३३ मिल बिहार में थे, बिहार को चीनी की कटोरी कहा जाता था, बिहार चीनी उत्पादन में श्रेष्ठ था. आज बिहार बाहर से चीनी खरीद रहा है. आज ज्यादातर चीनी मिल बंद हो चुके हैं, सिर्फ ९ चीनी मिल चल रहे है जो दयनीय अवस्था में हैं. प्रदेश में चीनी उद्योग के असामयिक निधन से किसान से लेकर कामगार तक, हर वर्ग के लाखों लोगों को अपूर्णीय क्षति हुयी है. कौन हैं इसके जिम्मेदार?

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98. १९५० के दशक में जूट उद्योग में बिहार का स्थान पूरे भारत में दूसरा था आज ये उद्योग भी बदहाल हो चुका है.

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99. सिल्क उद्योग, बिजली उद्योग, पर्यटन उद्योग, रसायन उद्योग, चमरा उद्योग, वस्त्र उद्योग सबकी स्तिथि एक जैसी है. रय्याम चीनी मिल, अशोक पेपर मिल, डालमिया पेपर एवं सीमेंट उद्योग, बिहार स्कूटर, आई डी पी एल, आर्यावर्त जैसे अनगिनत उद्योग कब के दम तोड़ चुके है और उनके साथ कत्ल हो चुका है लाखो लोगो के सपनो का.

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100. नक़ल और इंटेलेक्टुअल प्रॉपर्टी राईट के उल्लंघन के मामले में बिहार सरकार की मत पूछिए। बिहार रिवाइवल फोरम द्वारा प्रस्तावित नहर योजना और आई टी सिटी योजना को उन्होंने हूबहू अपना आईडिया बता कर पेश किया। हालाँकि अभी तक कोई योजना पूरी तो क्या शुरू भी नहीं हुयी है.

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101. प्रोजेक्ट किस तरह से बढ़ा चढ़ा कर बनाये जाते हैं कि मत पूछिए। ३५६ किमलोमीटर नहर योजना के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को सिर्फ डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने का बजट ६०० करोड़ बताया। पूरा नहर बनाने का बजट ६०,००० करोड़। हालाँकि बिहार रिवाइवल फोरम ने तथ्य प्रस्तुत किया कि ६०० करोड़ में पूरी नहर तैयार हो सकती है. पर उसमे रूपये की नेता और अधिकारीयों में बंदरबांट सम्भव नहीं है.

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कौन हैं इसके जिम्मेदार?
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आँखें बंद कीजिये और सोचिये
आत्म मंथन कीजिये
कौन हैं इस हालत के जिम्मेदार?
भ्रष्ट एवं अयोग्य नेतागण ?
या आप? जो हमेशा से उन्हें चुनते आये है?
अँगरेज़ जा चुके हैं पर हम उनकी विभाजन एवं राजनीती के अभी तक शिकार हैं.
आज के नेता हमें बांटते रहे है, धर्म के आधार पर, जाति के आधार पर.
वे ५ साल नोट बटोरते हैं एवं चुनाव के मौसम में कुछ खुदरा बांटते है,
और फिर ५ साल के लिए हमें भूल जाते हैं
हमें या तो ज्ञान नहीं है या हम आँखें बंद कर उनका शिकार बन रहे है.

एक कहावत है,
यदि आप ठगे जाने को तैयार हैं तो बाजार में ठगने वालों की कमी नहीं है.
आज के नेतागण कुछ अलग नहीं हैं. और आजकल तो चुनाव का मौसम है.
आजादी के ६० दशक हो चुके है किन्तु प्रदेश की स्तिथि वही है, समस्याएं वही हैं.
मैं विनती करता हूँ आप से
जाग जाइये
आप अपनी जिन्दगी जी चुके हैं या जी रहे हैं.
यदि आप नहीं जागेंगे तो स्तिथि नहीं बदलेगी
जो आपके साथ हुआ वो आपके बच्चों के साथ होगा.
आज आप उनके शिकार हो रहे हैं, कल बच्चे होंगे.
मैं निवेदन करता हूँ आपसे जाग जाइये
आपका नेता बनने वाले, वोट मांगने वाले लाखों मिल जायेंगे
पर उनको क्यों अपने नेता चुने, क्यों वोट दे, ये विचार कीजिये

अपना नेता ध्यान से चुनिए

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मैं उस में गांव बसना चाहता हूं जहा निरंतर बिजली हो, द्रुत इन्टरनेट सुविधा हो, प्रचुर नौकरिया हो, अच्छे अस्पताल हों, विद्यालय हों, सड़के हों, सभी स्वस्थ हों, समृद्ध हों. ऐसी कल्पना भारत के हर गांव के लिए है. जब तक ऐसा विकास नहीं हो पाता , सारे विकास के दावे ढकोसला रहेंगे।

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जय भारती, जय बिहार


Source: Planning Commission Report 2013 and Bihar Economic Survey Report 2013 and बिहार सुशासन का सच and विकास दर एक छलावा and सुशासन का सच या फरेब and सुशासन का सच




Saturday, February 8, 2014

Total Advertisement Free Life (TAFL)


Somnath Tripathi's digital marketing is making lot of Buzz these days.

Product owners need marketing and digital marketers fulfill this demand by legal means by claiming there is nothing wrong with that if there is no law against that. Somnath ran a digital marketing company and had exit when realized this is spam. But spamming continues. The need is to have a strong law to protect consumer's interest. Politically motivated Character assassination of Individual will not solve this problem.

Still our mobile phones, digital inbox get umpteen number of marketing mails. Facebook, Google have ads all around. Magazine, Newspapers, Channel and every offering of Times group like Times of India itself is full with advertisements. Every Program in Every TV channel is flooded with advertisements. Every day you get calls for Credit cards, loans, vacation offer, promotional offers, ring tones, guy will ring your door bell, interrupt you wherever you are and so on. Who doesn't hate these billboards, posters, hoardings, advertising and calls. Consumer pay for cable to watch TV program not commercials, take newspaper or magazine to read news, have mobile and computer with internet connection not to receive unwanted calls and information.



The aggressive marketing strategy today including digital marketing has come from USA and western world. The citizen there are more conscious for their rights. The people there objecting and governments covering up by introducing some ineffective law. TV, Media, Newspapers, Magazine, Mobile, Inbox still remain flooded with unwanted call and information. Product corporate world doesn't care about what is customer's interest. Politicians will not make strong law as they get benefit from corporates. Worse is that many of the advertisements and marketing strategy are designed to attract children and parents are forced to buy unwanted and unhealthy products.

We need a Right to Advertisement free life. That is the need of the hour. Unfortunately there is no such law. Media, Corporate and Politicians will not utter single word about that because that is their bread and butter.

Let's get united, vouch for and raise voice for Total Advertisement Free Life (TAFL).

Please sign the Total Advertisement Free Life (TAFL) Petition and share your friends.

Monday, January 20, 2014

व्यंग - टोपी




२००८ में खादी की टोपी, धोती, कुरता, अँगोछा पहन कर कार्यालय जा रहा था। ऑटोरिक्शा का इंतज़ार कर रहा था। आते जाते लोग देख रहे थे। कुछ घूर रहे थे कुछ मुस्कुरा रहे थे। मैं भी बस मुस्कुरा रहा था, आत्मस्वाभिमान हो तो दूसरे की हंसी चुभती नहीं है। एक महिला तो बस हसी जा रही थी। ऑंखें मिल गयी तब भी हँसते हुए आगे बढ़ गयी। कुछ समय बाद वापस आयी और हँसते हुए माफ़ी भी मांगी। मैंने पहले भी बुरा नहीं माना था और तब भी बोला कोई बात नहीं।

कुछ साल बाद टोपी का चलन हो गया, अण्णा टोपी, आप टोपी, लाल टोपी, केसरिया टोपी।

कुछ लोगो को टोपी पहनने की आदत नहीं थी सार्वजानिक जीवन में। हमेशा आम जनता को ही टोपी पहनाने में लगे रहते थे। कुछ समय पहले आम जनता ने उन्हें टोपी पहना दी। तब से हर्ष की हसरतें उपहास बनकर रह गयी। जनता से पूछते हैं अच्छा शीला दिया तूने मेरे प्यार का। और वो लोग भी सरे आम टोपी पहनने लगे वो भी रंग बिरंगी। अब आदत नहीं है तो कभी कभी दुविधा कि स्तिथि हो जाती है। जैसे शयन कक्ष में कोई प्रिय धीरे से कहे टोपी पहन लो या कार्यालय के एकांत कक्ष में कोई अंतरंग मित्र कहे टोपी पहन लो। मीडिया को सन्देश देना है, नेताजी को कान में पी ए कहता नेताजी टोपी पहन लीजिये। नेताजी बड़बड़ाते यहाँ? ये कह कर कुर्ते के भीतर के पॉकेट में हाथ डालते, कि पी ए कहता हजुर अंदर वाली नहीं बाहर वाली टोपी। उल्टा पुल्टा हो जाता है सनी टोपी और खादी टोपी में। कब कौन सा पहनना है। गाल भी लाल रहता है गलत टोपी पहनने कि वजह से। विस्तार में क्या बताऊ, आप खुद कल्पना कीजिये इन नकलची बंदरो के दुविधा का।

ऊपर से जनता भी अब जाग चुकी है और टोपी पहनने को तैयार नहीं। दस वर्ष से जनता को टोपी पहनाने वाले राह्-मन दल और दस वर्ष से अपनी बारी का इंतज़ार करने वाले नर-वाणीदल दोनों को अपने भविष्य से भय लगने लगा है। और जब कोई भयभीत होता है तो गन्दगी ही निकलती है। आम जनता का आत्मविश्वास जरुरत से ज्यादा न हो जाए ये भी ख्याल रखने की जरुरत है।

Saturday, January 4, 2014

आगे बढ़ो आप अपनाओ आस्तीन के साँप भगाओ।।


साढ़े पांच फुट का एक शख्श, साधारण परिवार में पैदा हुआ, आई आई टी से पढ़ाई की, इनकम टैक्स कमिश्नर बना। चाहता तो आज भारत के हर बड़े शहर में ५ कमरे के मकान होता, भ्रष्टाचार की कमाई से। पैसे के जोर पे एम पी, एम एल ए, मंत्री सब बन सकता था। पर उसे ये मंजूर न था।

जहा सौ दो सौ रूपये के लिए, छोटी छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए, इंसान का ईमान डोल जाता है वहा शक्ति, धन, समृधि के जीवन को त्याग देना हरेक के बस की बात नहीं। ऐसा नमक का दरोगा ही कर सकता है, ऐसा महात्मा बुद्ध ही कर सकते हैं।

दैनिक भ्रष्टाचार का सीधा असर आम आदमी पर पड़ता है। एक सरकारी बाबू जब बिजनेसमैन से घूस मांगता है, बिजनेसमैन डर से या जोड़ तोड़ की लालच से बाबू को पैसे दे देता है। दिए पैसे को वो आम जनता से ही वसूलता है, कम तौल कर, दाम बढ़ा कर, मिलावट से, काला बाजारी से, तरह तरह के गोरख धंधे से।

अब तक के धूर्त राजनितिक पार्टिया कभी कुछ नहीं करेगी ये तय है, उनसे कुछ अपेक्षा करना बालू से तेल निकलना, बाँझ से बच्चे की आस लगाने जैसा है। पर आम आदमी पार्टी कर सकती है। उम्मीद पर दुनिया कायम है।

यदि हम लोग इस बात को समझ नहीं सकते, तो हम वैसी ही जिंदगी के लायक हैं जो अब तक की सरकार ने दिया है। आज जो घुटन की जिंदगी हम जी रहे हैं, हमारी नासमझी हमारे बच्चो को भी वही जिंदगी देगी। यदि हम ये नहीं समझते हैं तो हमें क्या हक़ है बच्चे पैदा करने का? क्या जरुरत हैं उन्हें लाड़-प्यार से पोस के बड़ा करने का? क्या हमारे बच्चे चूजे हैं जो एक दिन मोटे ताजे चिकन बन कर इन घूसखोरो, बेईमानो का खाना बनेंगे, तिल तिल कर, टुकड़ो टुकड़ो में हर दिन जब तक सांस चलेगी? नहीं कभी नहीं।

अपने पे जो बीती है वो बच्चों का न भाग्य बनाओ।
आगे बढ़ो आप अपनाओ आस्तीन के साँप भगाओ।।



अमिताभ रंजन झा